कोच्चि: केरल हाईकोर्ट  ने मंगलवार को कहा कि सबरीमाला श्रद्धालुओं के लिए है और राज्य सरकार को भगवान अयप्पा मंदिर के शांतिपूर्ण माहौल को बर्बाद करने का एजेंडा रखने वालों की पहचान करनी चाहिए. सबरीमाला की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताते हुए अदालत ने कहा कि अगर राज्य सरकार स्थिति को नियंत्रण में करने में समर्थ नहीं है तो बाहरी एजेंसियों को यहां लाया जाना चाहिए. सबरीमाला के विशेष आयुक्त ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि माहवारी उम्र की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी और अधिक सतर्क हो गए हैं और पुलिस के लिए सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराना मुश्किल हो रहा है क्योंकि रोजाना एक लाख श्रद्धालु इस मंदिर में पूजा करने के लिए आते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सबरीमला मुद्दे से जुड़ी कई याचिकाओं पर विचार करते हुए न्यायमूर्ति पी आर रामाचंद्रन मेनन और न्यायमूर्ति एन अनिल कुमार वाली एक खंड पीठ ने यह जानना चाहा कि पुलिस ने निलक्कल से पांबा तक एक अधिकार समूह की महिला कार्यकर्ताओं के निजी वाहन को जाने की क्यों अनुमति दी.


अदालत ने माहवारी उम्र की दो महिलाओं के मंदिर में प्रवेश को लेकर यह जानना चाहा कि इन महिलाओं के यहां आने के पीछे कोई ‘एजेंडा’ तो नहीं था. अदालत ने कहा कि राज्य सरकार को उन लोगों की पहचान करनी चाहिए जो सबरीमला मुद्दे पर अपना एजेंडा बना रहे हैं. 


इनपुट भाषा से भी