नई दिल्ली: देश के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस वाई कुरैशी (SY Qureshi) ने मुसलमानों (Muslims) को खलनायक के तौर पर दिखाने पर आपत्ति जताई है. कुरैशी ने कहा कि यह एक गलत अवधारणा है और अब इसे तोड़ने का वक्त आ गया है. 


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'सबसे कम बहुविवाह करते हैं मुसलमान'


एस वाई कुरैशी (SY Qureshi) ने दावा किया कि इस्लाम परिवार नियोजन की अवधारणा का विरोध नहीं करता है. उन्होंने कहा कि भारत में सबसे कम बहुविवाह करने वाला समुदाय मुस्लिम है. उन्होंने कहा कि अब 'हिंदुत्व (Hindutva) समूहों द्वारा पैदा किए गए मिथकों' को तोड़ने का समय आ गया है. मुसलमानों को अब खलनायक के रूप में पेश करने की छवि को चुनौती देनी होगी. 


'देश में जनसंख्या बढ़ाने का कोई षडयंत्र नहीं'


कुरैशी (SY Qureshi) ने अपनी नई किताब ‘द पॉप्युलेशन मिथ: इस्लाम, फैमिली प्लानिंग एंड पॉलिटिक्स इन इंडिया’ (The Population Myth: Islam, Family Planning and Politics in India) में तर्क दिया है कि मुसलमानों (Muslims ने जनसंख्या के मामले में हिंदुओं से आगे निकलने के लिए कोई संगठित षड्यंत्र नहीं रचा है. उन्होंने कहा कि भारत में मुसलमानों की संख्या कभी भी हिंदुओं की संख्या को चुनौती नहीं दे सकती.


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'मुसलमानों को देश का खलनायक बना दिया गया'


कुरैशी (SY Qureshi) ने अपनी इस किताब के संबंध में कहा, ‘यदि आप कोई झूठ सौ बार बोलें, तो वह सच बन जाता है.’इसी तरह यह दुष्प्रचार भी बहुत प्रबल हो गया है कि मुसलमान (Muslims) इस देश के खलनायक हैं. उन्होंने कहा कि वर्षों से मुसलमानों के खिलाफ प्रचारित की जा रही इस अवधारणा को चुनौती देने का समय आ गया है.


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