हैदराबाद: एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई और विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने करीमनगर की जनसभा में एक बार फिर भड़काऊ बयान देते हुए 15 मिनट वाली धमकी की बात दोहराई है. उन्‍होंने आरएसएस पर हमला करते हुए कहा कि 15 मिनट का ऐसा दर्द है जो अभी तक नहीं भरा. याद रखो दुनिया उसी से डरती है जो डराना जानता है. कोई भी आरएसएस वाला हमारा बाल भी बांका नहीं कर सकता. उन्‍होंने कहा कि आरएसएस को अकबरउद्दीन ओवैसी से नफरत क्यों है? सौ सुनार की तो एक लुहार की.15 मिनट ऐसा जख्म है जो अभी भी नहीं भर सका.


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उल्‍लेखनीय है कि 2013 में बेहद विवादित बयान देते हुए अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि यदि 15 मिनट के लिए पुलिस हटा ली जाए तो हिंदू-मुसलमान के अनुपात में संतुलन स्‍थापित कर देंगे. उन्‍होंने लोगों से एकजुट होकर बीजेपी को हराने की अपील की. ओवैसी ने कहा, ''एक समय था जब निजामाबाद का डिप्‍टी मेयर एआईएमआईएम का था लेकिन अब यहां पर बीजेपी का सांसद है. यदि आप लोग एआईएमआईएम को नहीं जिताना चाहते तो कोई बात नहीं लेकिन बीजेपी को हराओ.''


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करीमनगर जिले में मंगलवार देर रात को अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा, ''मुझे बीजेपी की जीत मंजूर नहीं, दुश्‍मन यहां मजबूत हो रहा है. मैं हाथ और झोली फैलाकर आपसे मतभेदों को भुलाकर एकता की भीख मांग रहा हूं.''



भाजपा का जबर्दस्‍त प्रदर्शन
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने तेलंगाना में 4 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया. उसके बाद से ही राज्‍य में मुख्‍यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्‍व में सत्‍तारूढ़ टीआरएस और उसकी सहयोगी एआईएमआईएम की चिंताएं बढ़ गई हैं. उसी संदर्भ में अकबरुद्दीन ओवैसी ने अपने पार्टी नेताओं और काडर से करीमनगर जिले में भावुक अपील करते हुए कहा कि आपसी मतभेदों को भुलाकर बीजेपी को हराने की रणनीति पर काम करना चाहिए. करीमनगर लोकसभा सीट को टीआरएस का गढ़ माना जाता था लेकिन अबकी बार बीजेपी के बांदी संजय ने टीआरएस के नेता को 89 हजार वोटों से शिकस्‍त दी.  करीमनगर और उसके आस-पास के इलाकों में मुस्लिमों की अच्‍छी-खासी आबादी है लेकिन बीजेपी की रणनीति के सामने लोकसभा चुनाव में टीआरएस और ओवैसी टिक नहीं सके. अब आगे आने वाले निकाय चुनावों में इन दलों की नजर है. उसी कड़ी में अकबरुद्दीन ने अपने समर्थकों से एकजुट होने की अपील की.


तेलंगाना के मौजूदा सियासी परिदृश्‍य से बीजेपी आश्‍वस्‍त नजर आती है. जी मीडिया से बात करते हुए करीमनगर के बीजेपी सांसद बांदी संजय ने कहा, ''तेलंगाना और खासकर करीमनगर के लोगों ने टीआरएस-एआईएमआईएम गठबंधन को लोकसभा चुनावों में सबक सिखाया है. अब चीजें इस हद तक बढ़ गई हैं कि ये दल अपना वोटबैंक नहीं बचा पा रहे और इनके नेता और काडर के बीच परस्‍पर विश्‍वास की कमी है.''


टीआरएस की चिंता
तेलंगाना में बीजेपी के उभार के साथ ही टीआरएस के भीतर एआईएमआईएम को लेकर चिंता बढ़ने लगी है. टीआरएस के एक बड़े नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, ''एआईएमआईएम से गठबंधन टीआरएस को भारी पड़ रहा है. हमको फायदा पहुंचाने की जगह एआईएमआईएम के कारण हमारे साझा दुश्‍मन बीजेपी को लाभ मिल रहा है.''


लोकसभा चुनावों के बाद तेलंगाना में निकट भविष्‍य में होने वाले निकाय चुनाव तीनों दलों- टीआरएस, एआईएमआईएम और बीजेपी के लिए लिटमस टेस्‍ट साबित होंगे. कांग्रेस टक्‍कर देने की पोजीशन में नहीं दिख रही है.