रालेगढ़ सिद्धी: समाजसेवी अन्ना हजारे बुधवार सुबह 10 बजे से एक बार फि‍र अनशन पर बैठेंगे. अनशन पर बैठने की वजह लोकपाल की नियुक्‍त‍ि को लेकर है. इस बार अनशन का मैदान दिल्ली का जतंर मंतर या रामलीला नहीं बल्कि उनका गांव रालेगणसिद्धि है. अन्ना हजारे ने इस मौके पर कहा है कि उनका आंदोलन किसी व्यक्ति या पार्टी के विरोध में नहीं है बल्कि समाज और देश की भलाई के लिए है.


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अन्‍ना ने कहा, समाज और देश की भलाई के लिए मैं आंदोलन करता आया हूं. इसी प्रकार ये भी आंदोलन है. उन्‍होंने कहा, लोकपाल कानून बने हुए 5 साल हो गए. केंद्र सरकार 5 साल में लगातार बहानेबाजी करती रही. इस सरकार के दिल में अगर कुछ होता तो क्‍या इतना समय लगता. 2011-12 में अन्‍ना हजारे दिल्‍ली के रामलीला मैदान पर आमरण अनशन केंद्र सरकार को हिला दिया था.



 
अन्‍ना हजारे पहले ही साफ कर चुके हैं कि इस आंदोलन कोई भी राजनीतिक दल नहीं जुड़ेगा.


लोकायुक्त के दायरे में आया महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का कार्यालय
महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री कार्यालय को लोकायुक्त के अधिकार क्षेत्र में लाने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया. बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए राज्य के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने बताया कि मुख्यमंत्री के अलावा मंत्री, विपक्षी नेता भी लोकायुक्त के दायरे में आएंगे.


उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार मुक्त शासन सुनिश्चित करने के लिए यह बहुत अच्छी पहल है.’ राज्य में लोकायुक्त भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर किसी भी मामले की जांच कर सकता है या करवा सकता है, अगर शिकायत या मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ हो.