नई दिल्ली : साढ़े चार साल पहले मई 2014 में जब पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी दिल्ली की गद्दी पर काबिज हुई थी, तब उसके पास 282 सीटें थीं. 1984 के बाद पहली बार देश में किसी पार्टी को अपने दम पर बहुमत हासिल हुआ था. बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें यूपी, बिहार, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में मिली थीं. वहीं राजस्थान और गुजरात जैसे राज्य तो ऐसे थे, जहां सारी की सारी सीटें बीजेपी के ही पास थीं, लेकिन साढ़े चार साल में दुर्भाग्यपूण तरीके से उसके सांसदों की संख्या कम होती गई. सोमवार को बीजेपी के सांसद और केंद्रीय मंत्री और सांसद अनंत कुमार के असमयिक निधन से बीजेपी को कर्नाटक में बड़ा झटका लगा है.


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282 सांसदों वाली बीजेपी के सदस्यों की संख्या घटकर 270 पर आ गई है. पिछले साढ़े चार साल में बीजेपी के 10 सदस्यों का निधन हुआ है. इसमें राज्यसभा सांसद अनिल माधव दवे का नाम भी जोड़ दिया जाए तो ये संख्या और बढ़ जाती है. 543 सदस्यों वाली संसद में बीजेपी के 282 सांसद जीतकर आए थे. इस समय 532 सदस्यों वाली लोकसभा में बीजेपी के 270 सदस्य रह गए हैं. दो नॉमिनेट सदस्यों को जोड़ने पर आंकड़ा 272 तक पहुंचता है. अगर लोकसभा की पूरी स्ट्रेंथ हो तो बीजेपी के पास पूरे नंबर नहीं हैं. लेकिन अभी लोकसभा में सदस्यों की संख्या 532 हो गई है. ऐसे में बहुमत का आंकड़ा भी घटकर 266 पर आ गया है.


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मई 2014 में बीजेपी सरकार को बने हुए महीना भर भी नहीं बीता था कि केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे का हार्ट अटैक से  निधन हो गया था. उसके बाद 10 और बीजेपी सांसदों का निधन हो चुका है.


इन सांसदों का हुआ निधन...
1. गोपीनाथ मुंडे, बीड़ महाराष्ट्र
2. दिलीप सिंह भूरिया, रतलाम, मध्यप्रदेश
3. दलपत सिंह, शहडोल, मध्यप्रदेश
4. विनोद खन्ना, गुरदासपुर, पंजाब
5. चांदनाथ, अलवर, राजस्थान
6. सांवर लाल जाट, अजमेर, राजस्थान
7. हुकुम सिंह, कैराना, उत्तरप्रदेश
8. चिंतामन बंगा, पालघर, महाराष्ट्र
9. भोला सिंह, बेगूसराय, बिहार
10. अनंत कुमार, बेंगलुरु, कर्नाटक


11. अनिल माधव दवे, मध्यप्रदेश, राज्यसभा सांसद


इनमें से 8 सांसदों के निधन से खाली हुई सीटों में से ज्यादातर सीटों पर बीजेपी वापसी नहीं कर पाई है. बीड, शहडोल और पालघर को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है.