हैदराबाद : बीजेपी ने हैदराबाद नगर निगम की 150 सीटों पर पूरे दमखम से चुनाव लड़ने के भरोसे के साथ निकाय चुनाव को लेकर अपना संकल्प पत्र जारी कर दिया है. दक्षिण के इस शहर के नगरपालिका स्तर के चुनाव में आखिर ऐसा क्या है जो खुद गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah)  और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) खुद उतर चुके हैं. सोचिए ये हैदराबाद की सियासी लड़ाई है. जिसे जीतने के लिए बीजेपी पूरी ताकत से मैदान में है. हिंदुत्व के ब्रांड एंबेसडर और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर गृहमंत्री अमित शाह तक और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर स्मृति ईरानी तक बीजेपी के प्रचंड प्रचार युद्ध की शुरुआत कर चुके हैं.


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BJP का घोषणा पत्र जारी
हैदराबाद के लिए बीजेपी के 7 मुख्य वचन जारी किए है. अमूनन बीजेपी चुनावी मेनिफेस्टो को वचन पत्र और संकल्प पत्र कहती आई है. तो आइये जानते हैं कि ओवैसी के गढ़ में बीजेपी ने क्या कुछ विजन और संकल्प जनता के सामने रखा है.
1. हैदराबाद में सभी को कोरोना महामारी की वैक्सीन दी जाएगी.
2. हैदराबाद से अतिक्रमण हटेगा,नहीं होगा किसी का नुकसान.
3. हैदराबाद के बाढ़ पीड़ितों को 25 हजार रुपए का मुआवजा.
4. एक लाख लोगों को आवास योजना के तहत घर दिया जाएगा.
5. मेट्रो-बस में महिलाओं को निशुल्क आने-जाने की सुविधा मिलेगी.
6. स्कूली बच्चों को टैब फ्री मिलेंगे, सरकारी स्कूलों में Wifi होगा.
7. 17 सितंबर को तेलंगाना मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाएगा.


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महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की तरफ से जारी मेनिफेस्टो में कहा गया है कि केंद्र सरकार की सलाह के मुताबिक सभी को कोरोना का टीका (Coronavaccine) मुहैया कराया जाएगा. और महानगर में सभी को मुफ्त कोरोना संक्रमण जांच की सुविधा मिलेगी.


वहीं इस घोषणापत्र में सभी को निशुल्क पेयजल, महिला थानों का निर्माण, ऑनलाइन शिक्षा में आ रही दिक्कतों को दूर करने के साथ सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा का इंतजाम किये जाने का वायदा भी किया गया है.


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बीजेपी ने क्यों झोंकी पूरी ताकत
लेकिन ये सोचकर हैरान मत होइए, कि नगर निगम चुनाव के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत क्यों झोंक दी है ? क्यों हैदराबाद नगर निगम की 150 सीटें बीजेपी के लिए इतनी महत्वपूर्ण हैं, और क्यों हैदराबाद के मेयर पद को बीजेपी ने प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है. सोचिए बीजेपी के लिए ये चुनाव कितना महत्वपूर्ण होगा कि जो अमित शाह बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए नहीं गए उन्हें हैदराबाद में नगर निगम चुनाव के लिए उतारा जा रहा है. 


एक दिसंबर को हैदराबाद का मुकाबला
हैदराबाद में 1 दिसंबर को नगर निकाय चुनाव के लिए वोटिंग होने वाली है. ग्रेटर हैदराबाद म्‍युनिसिपल कार्पोरेशन की 150 निकाय सीटों के लिए 1 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. निगम का इस साल का बजट 5,380 करोड़ रुपये होगा. असल में माना जा रहा है, कि हैदराबाद के चुनाव बीजेपी के लिए बंगाल विजय की प्रयोगशाला है. इसी वजह से बीजेपी असदुद्दीन ओवैसी को उन्ही के घर में ही जबरदस्त चुनौती दे रही है. यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी और AIMIM के बीच है. लेकिन यहां ओवैसी की जीत या हार का सबसे बड़ा खतरा बंगाल में दीदी को होगा.


हैदराबाद AIMIM का गढ़ और कवच है. AIMIM लगातार 1984 से हैदराबाद की लोकसभा सीट जीत रही है. महाराष्ट्र चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी को 2 सीट पर जीत मिली. बिहार में AIMIM ने 5 सीटें जीतकर RJD के मुस्लिम वोट बैंक में बंटवारा कर दिया और अब AIMIM बंगाल के चुनाव में उतरने वाली है, और खुद गृह मंत्री अमित शाह भी कह चुके हैं, कि बिना पश्चिम बंगाल जीते बिना बीजेपी का स्वर्ण काल नहीं आ सकता. इसलिए अब देश की सबसे बड़ी पार्टी इस मंच पर भी पूरे दमखम से उतर रही है. 


पश्चिम बंगाल में सत्ता की सीधी लड़ाई में मां माटी और मानुष का नारा देने वाली टीएमसी और सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सीधी टक्कर दे रही है. बीजेपी के कुछ नेताओं का मानना है कि पार्टी के बेहतर टीम वर्क ने त्रिपुरा में लेफ्ट को सियासत में राइट कर दिया है. उनका ये भी मानना है कि तमिलनाडु में एआईएडीएमके के साथ गठबंधन के साथ जमीन पर चुनावी बिसात बिछा चुकी है. इसलिए वो हर हाल में इस किले पर भी पार्टी का परचम लहराना चाहते हैं.


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