अयोध्या: अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर के भूमि पूजन से पहले मंगलवार को हनुमानगढ़ी में निशान पूजन किया गया. निशान पूजन के जरिये हनुमान जी से राम मंदिर निर्माण की अनुमति ली गई. राम मंदिर निर्माण में निशान हनुमानगढ़ी का निशान पूजन का महत्व है. हनुमानगढ़ी का निशान 1700 वर्ष पुराना है. 


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दूसरी ओर, राम जन्मभूमि परिसर में राम अर्चना हो रही है. रामर्चान पूजन के माध्यम से भगवान श्रीराम को प्रसन्न किया जाएगा. भगवान श्री राम की प्रसन्नता के लिए रामर्चान पूजन विशेष तरीके का पूजन होता है. वाराणसी, अयोध्या, दिल्ली, हरिद्वार दक्षिण भारत के संत रामर्चान पूजन करा रहे हैं. राम अर्चना करीब साढ़े पांच घंटे तक चलेगी. राम अर्चना में भगवान राम, राजा दशरथ, रानी कौशल्या की पूजा होती है. रावण से युद्ध के समय श्रीराम की मदद करने वालों की भी पूजा होती है. हनुमान, नल-नील, सुग्रीव, जामवंत, विभीषण की भी पूजा होगी.


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निशान पूजा होती क्या है:
प्रभु राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान जी श्री रामचन्द्र जी के द्वार के रक्षक हैं. श्रीराम जी के द्वार में उनकी आज्ञा के बिना किसी को प्रवेश नहीं मिलता. यही कारण है कि निशान पूजन की मान्यताओं के अनुसार प्रभु श्रीराम से जुड़े किसी भी विशेष कार्य से पहले उनके परमभक्त हनुमान की आज्ञा आवश्यक है और भूमि पूजन से पहले हनुमान जी का निशान पूजन इस बात को दर्शाता है. कुंभ के समय भी निशान पूजन होता है. हनुमान गढ़ी में हनुमान पूजन और निशान पूजन दोनों की पूजा होती है. निशान पूजा अखाड़ों के निशान की पूजा होती है. निर्वाणी अखाड़े के ईष्ट देव हनुमान जी हैं. सबसे पहले हनुमान जी की पूजा की जाती है. अखाड़ों के निशान की पूजा का भी हनुमान पूजा जितना महत्व है.


आध्यात्म के रंग रंगी अयोध्या
राम मंदिर भूमि पूजन से पहले अयोध्या अध्यात्म के रंग में रंग गई है. राम के खास पान, 5100 कलश तैयार किए जा रहे हैं. 11000 बार शंखनाद किया जाएगा. सरयू घाट पर दीपदान और लाइटिंग की गई है. अयोध्या स्टेशन भी सजावट की गई है.


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