श्रीनगर: उत्तर कश्मीर के लंगाते निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय विधायक शेख अब्दुल रशीद ने गुरुवार(21 जून) को नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से कहा कि वे हाथ मिला लें और जनता का भरोसा जीतने के लिए सरकार बनाए तथा केंद्र को अपनी ‘‘शर्तें बताए ’’ या चुनावों का बहिष्कार करें. रशीद ने यहां पत्रकारों से कहा , ‘‘ हर कोई जानता है कि नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी में कोई वैचारिक मतभेद नहीं हैं लेकिन यह सत्ता के लिए उनका लालच, अहंकार और नई दिल्ली का हुक्म है कि वे एक - दूसरे का विरोध करते हैं.


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नेकां और पीडीपी के लिए वक्त आ गया है कि वे अपने बेमतलब के अहंकार को पीछे छोड़े और सरकार बनाए तथा एक ऐसे युग की शुरुआत करने के लिए बीती बातें भुलाए जिसमें उन्हें नयी दिल्ली को अपनी शर्तें बतानी चाहिए ना कि उसका मुखपत्र बनना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि राज्य में दोनों विपक्षी दलों के साथ आने से कश्मीरी लोगों का मनोबल बढ़ेगा.


रशीद ने कहा, ‘‘इससे दोनों दलों के बीच भरोसा कायम होगा
रशीद ने कहा, ‘‘इससे दोनों दलों के बीच भरोसा कायम होगा और जनता का भरोसा जीतने में मदद मिलेगी.  नेकां और पीडीपी को मुख्ममंत्री के तौर पर किसी भी सदन या पार्टी के प्रतिष्ठित सदस्य को नामित करना चाहिए. इससे कश्मीरी लोगों में एक सच्ची भावना पैदा होगी कि नेकां और पीडीपी सत्ता के लिए ऐसा नहीं कर रही हैं बल्कि वे कश्मीर विवाद को हल करने के प्रति गंभीर है और नयी दिल्ली को यह समझाए कि वह दिवंगत शेख मोहम्मद अब्दुल्ला से महबूबा मुफ्ती तक कश्मीरी नेताओं का अपमान नहीं कर सकती.’’ 


विधायक ने कहा कि उन्होंने इस विचार को आगे बढ़ाने के लिए पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से मुलाकात का समय मांगा था. उन्होंने कहा, ‘‘अगर नई दिल्ली नेकां और पीडीपी के साथ आने की राह में रोड़े अटकाती है तो मुख्यधारा के सभी दलों को चुनावों का बहिष्कार करना चाहिए.’’ रशीद ने कहा कि कश्मीर के लोग पीडीपी-भाजपा गठबंधन को खत्म करना चाहते थे लेकिन जिस तरीके से भाजपा ने गठबंधन से समर्थन वापस लिया वह अनैतिक और निंदनीय है.


इनपुट भाषा से भी