जम्मू-कश्मीर: PDP का वोट प्रतिशत 20.50 से गिर कर 2.4 % हुआ
पीडीपी ने 2016 में राज्य में भाजपा के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी, लेकिन पिछले साल जून में बीजेपी गठबंधन से बाहर हो गई थी.
जम्मू: जम्मू कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को मिली करारी शिकस्त के साथ उसका वोट प्रतिशत पिछले आम चुनाव के 20. 50 प्रतिशत से गिर कर इस लोकसभा चुनाव में 2. 4% पर आ गया.
उल्लेखनीय है कि पीडीपी ने 2016 में राज्य में बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी, लेकिन पिछले साल जून में बीजेपी गठबंधन से बाहर हो गई थी.
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में पीडीपी ने तीन सीटें जीती थी लेकिन इस बार उसे मात्र 2. 4 प्रतिशत वोट मिले और करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. राज्य की कुल छह लोकसभा सीटों में तीन पर बीजेपी और तीन पर नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) विजयी घोषित हुई.
तीन सीटों पर जीती बीजेपी
वहीं, तीन सीटों पर कब्जा करने वाली बीजेपी ने राज्य के जम्मू और लद्दाख क्षेत्रों में अपना प्रदर्शन बेहतर करते हुए 46.4 प्रतिशत वोट हासिल किए. लेकिन कश्मीर घाटी में भी ऐसा प्रदर्शन नहीं कर सकी. कश्मीर घाटी में बीजेपी को सिर्फ 2. 96 प्रतिशत वोट मिले जो 2014 के चुनाव से महज 1. 33 प्रतिशत अधिक है.
चुनाव आयोग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी ने मुख्य रूप से जम्मू, उधमपुर और लद्दाख लोकसभा सीटों से 46. 4 प्रतिशत वोट प्रतिशत हासिल कर तीनों सीटों पर अपना कब्जा कायम रखा.
पिछले लोकसभा चुनाव में राज्य में बीजेपी ने 34.40 प्रतिशत वोट हासिल किया था. उधमपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी को इस बार 61.38 प्रतिशत वोट मिले, जबकि 2014 में 46. 76 प्रतिशत वोट मिले थे.
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने उधमपुर सीट पर कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह को 3.57 लाख वोटों से हराया. विक्रमादित्य जम्मू-कश्मीर के अंतिम युवराज कर्ण सिंह के बेटे हैं. जितेंद्र सिंह को 7,24,311 (61.38 प्रतिशत) वोट मिले. चुनाव अधिकारियों के अनुसार, यह जम्मू-कश्मीर में अब तक के किसी भी सफल उम्मीदवार के लिए जीत का सबसे बड़ा अंतर है.
एनसी ने घाटी में सभी तीन सीटें जीत ली
वहीं, एनसी ने घाटी में सभी तीन सीटें जीत ली, जहां चुनाव पर अलगावादियों और आतंकी संगठनों का खतरा मंडराता रहा. नेशनल कांफ्रेंस ने श्रीनगर, अनंतनाग और बारामूला सीटों पर जीत हासिल की.
आँकड़ों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में पांच सीटों पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस अपना खाता खोलने में भी नाकाम रही, जिसे कुल 28.5 प्रतिशत वोट मिले. एनसी के नेता फारूक अब्दुल्ला ने श्रीनगर सीट जीती और कुल 12,94,560 वोटों में उन्हें 1,06,750 के वोट मिले. 2014 के लोकसभा चुनावों में, एनसी को 11.10 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन कोई भी सीट पाने में असफल रही थी.