नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) से धारा 370 (Article 370) हटने के बाद राज्य को केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) की तरफ से सौगातें मिल रही हैं. इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए राज्य के औद्योगिक विकास (industrial development) की तरक्की के लिए जम्मू (Jammu) के साम्बा औद्योगिक क्षेत्र (Samba Industrial Area) में ड्राई पोर्ट के निर्माण को मंजूरी मिल गई है. PP मोड से साम्बा रेलवे स्टेशन (Samba Railway Station) पर बनने वाला यह राज्य का पहला freight terminal होगा. रेलवे और निजी क्षेत्र के आपसी गठजोड़ से निर्मित इस freight टर्मिनल को अगले 10 महीनों में बना लिया जाएगा.


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जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के अखरोट, बादाम और सेब (apple) दुनिया की मंडियों में कम समय और कम खर्चे में पहुंचे और राज्य में निर्यात से जुड़े व्यापारियों के मुनाफे में इजाफा हो. इसके लिए केंद्र सरकार (Central Government) ने राज्य के विकास में बाधा बनी धारा 370 (Article 370) को खत्म करते ही नए उद्योगों को आमंत्रित करने और राज्य में चल रहे उद्योगों को राहत देने के मकसद से साम्बा रेलवे स्टेशन (Samba Railway Station) पर Dry पोर्ट (रेलवे freight टर्मिनल) को बनाने की अहमियत को समझते हुए निजी क्षेत्र की कंपनी और रेलवे को आपसी सहयोग से बनाने के निर्देश दिए हैं.


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जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के पहले रेल freight टर्मिनल की क्षमता 2 से 5 रेल मालगाड़ी की होगी और यहां से 6 से 9 मीट्रिक टन सामान की ढुलाई होगी. terminal में कंटेनर, बैरक bulk cement, फ़र्टिलाइज़र, steel, automobile, सहित अन्य औद्योगिक सामान भी रखा जाएगा. इस टर्मिनल के बन जाने से राज्य से सूखे मेवे के व्यापारियों को दुनिया भर में कश्मीरी फल निर्यात करने में समय और पैसे की बचत होगी क्योंकि मौजूदा समय में सबसे नजदीक ड्राई पोर्ट लुधियाना में है. यहां से कंटेनर मंगवाने और उसे फिर लुधियाना (Ludhiana) पहुंचाने में निर्यातकों का काफी वक्त और पैसा बर्बाद हो जाता था.


साम्बा small scale और micro industry के अध्यक्ष हरविंदर सिंह ड्राई पोर्ट के निर्माण को सरकार का सही फैसला बताते हुए कहते हैं कि, जम्मू कश्मीर  में कच्चा माल बाहरी राज्यों से आता है, जिससे यहां production cost बढ़ जाती थी, ड्राई पोर्ट बन जाने से बड़े औद्योगिक घराने भी बेझिझक अपनी यूनिट यहां लगा सकेंगे." अधिकारियों के अनुसार ये टर्मिनल जम्मू कश्मीर में पैदा होने वाले बागवानी उत्पादों के लिए cold chain का काम करेगा और इस टर्मिनल को east और west freight corridor टर्मिनल से भी जोड़ा जाएगा.