जम्मूः जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में केंद्र की बहुत सारी योजनाओं से वंचित आम लोगों को अनुच्छेद 370 हटने के बाद अब सीधा लाभ मिलने लगा है. राज्य का हेल्थ सेक्टर इन योजनाओं को लागू करने में सबसे ज्यादा सुस्त रफ्तारी से चल रहा था. 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के बाद प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने की परियोजना जो जेनेरिक दवाईओं के ना मिलने के चलते अपनी शुरुआत में ही बंद होने की कगार पर पहुंच चुकी थी, उसने अब एकाएक रफ्तार पकड़ ली है.


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जम्मू के गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल (GMC) में लान्च हुई योजना के बाद अब जम्मू के एसजीएमसी अस्पताल, सरवाल अस्पताल और गांधी नगर अस्पताल में लोगों को सस्ते दामो में जेनेरिक दवाई उपलब्ध करवाने के केंद्र खुल गए हैं. जम्मू का कनाट प्लेस समझे जाने वाले इलाके गांधीनगर के अस्पताल में तो प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र 28 अगस्त को खोला गया था.



लदाख के कारगिल और लेह समेत राज्य के सभी 22 जिला अस्पतालों और उप जिला अस्पतालों, और सीएचएस हेल्थ सेंट्रो में फटाफट प्रधानमंत्री जान औषधि केंद्र खोले जा रहे है.



इन केंद्रों में गैस्ट्रिक, ब्लड प्रेशर, शुगर, एंटीबायोटिक्स और हार्ट पेशेंट्स के लिए 125 से लेकर 800 किस्म की जेनरिक दवाइयां रोगियो को सस्ते दामो पर मिल रही हैं. 



उदहारण के लिए गैस्ट्रिक मरीजों के लिए बाजार में 110 रुपये में Pentaprazole का मिलने वाला एक पत्ता यहां सिर्फ 10 रुपये में मिल रहा है. शुगर के रोगियो के लिए बाजार में 30 से 50 रुपये के अलग-अलग ब्रांडेड कंपनियो के मिलने वाले मेट्रोफिन 500 mg का 10 tblt वाला 1 पत्ता इन केंद्रों में सिर्फ 4 रुपये का मिलता है.



प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों की बढ़ती लोकप्रियता और क्वालिटी मेडिसिन को देखते दवाई निर्माता कंपनियां सस्ती दवाईओं के प्रति रोगियो में भ्रामक प्रचार भी कर रही हैं. जिसको काउंटर करने के लिए स्वास्थ्य अधिकारी मीडिया से सहयोग मांग रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियो के अनुसार जल्द ही जम्मू और कश्मीर के बड़े अस्पतालों में स्थापित इन केंद्रों में कैंसर रोगियो के लिए भी दवाइयां उपलब्ध होंगी. 



इन दवाई केंद्रों से दवाइयां लेने वाले रोगी मोदी सरकार का शुक्रिया अदा करते नही थकते, जिसने गरीब रोगियों को ब्रांडेड कंपनियों की लूट-खसोट से बचाया है.