नई दिल्ली: सोमवार को घटे एक अप्रत्‍याशित घटनाक्रम में कर्नाटक के मौजूदा मुख्‍यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, बीएस येदियुरप्‍पा और भारतीय जनता पार्टी को छह पन्‍नों का कानूनी नोटिस भेज दिया है. बताया जा रहा है कि सिद्धारमैया बीजेपी नेताओं के चुनावी भाषणों के दौरान कांग्रेस सरकार पर लगाए गए आरोपों से काफी नाराज हैं. इस नोटिस में बीजेपी के राज्‍य में चुनावी विज्ञापन का हवाला दिया गया है. सिद्धारमैया का आरोप है कि चुनावी फायदे के लिए उन पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं.



COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अमित शाह ने भी पूछा था सवाल
आपको याद दिला दें कि कर्नाटक के गडक में एक रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने सोमवार को कहा था कि सिद्धारमैया सरकार भ्रष्टाचार का पर्याय है. सिद्धारमैया सरकार को 10% कमीशन वाली सरकार के रूप में जाना जाता है. शाह ने सिद्धारमैया की घड़ी पर निशाना साधते हुए कहा था कि वह 40 लाख रुपए की घड़ी पहनते हैं. इससे पता चलता है कि वह कितने भ्रष्ट हैं. उन्होंने कहा था कि सिद्धारमैया बताएं कि उन्हें 40 लाख की घड़ी किसने दी थी. ये घड़ी किसने दी क्यों दी.


संबित पात्रा ने किया था खुलासा
बीजेपी की तरफ से संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर गंभीर आरोप लगाए थे. बीजेपी का आरोप था कि 2013 में चीन में सिद्धारमैया ने विजय ईश्वरन नाम के उस कारोबारी से मुलाकात की थी जिसे भगौड़ा घोषित किया गया है और जिस पर लाखों लोगों को ठगने का आरोप है. इसके अलावा सिद्धारमैया से ये भी पूछा था कि वो जो चालीस लाख की घड़ी पहनते हैं वो उन्हें उसी कारोबारी से गिफ्ट में मिली थी? बीजेपी का आरोप था कि विजय ईश्वरन चिटफंड कंपनी चलाता था और लोगों के करोड़ों रुपये लेकर फरार हो गया था जबकि सिद्धारमैया की सरकार ने एफआईआर तक नहीं की. बीजेपी ने वो तमाम दस्तावेज भी मीडिया के सामने पेश किए थे जो विजय ईश्वरन पर आरोपों की कहानी बता रहे थे.


अंतिम दौर में है चुनाव प्रचार
कर्नाटक में चुनाव प्रचार अपने अंतिम दौर में है. महज पांच दिन बाद शनिवार 12 मई को राज्य में अगली विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं. इसी वजह से भाजपा और कांग्रेस दोनों युद्ध स्तर पर चुनाव प्रचार में जुट गए हैं और एक-दूसरे पर तरह तरह के आरोप लगा रहे हैं.