कोलकाता: नागरिकता संशोधन विधेयक (CAA) और NRC के विरोध में अब ममता बनर्जी भी सड़क पर उतर आई हैं. कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में मार्च निकाला गया. CAA और NRC के विरोध प्रदर्शन में हजारों लेगों ने उनका साथ दिया. रैली में शामिल ममता बनर्जी ने कहा, "हिन्दुस्तान हमारा है, सबका है, अगर सबका साथ नहीं रहेगा तो सबका विकास कैसे होगा. सीएम ने कहा किसके लिए CAA है? क्या हमने वोट नहीं दिया? उन्होंने कहा कि हमारा इरादा गलत नहीं है. यूपी, बिहार, राजस्थान, असम सभी हमारे दोस्त हैं. हमारा पूरा देश शांति से काम करेगा.''


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सीएम के पीछे हजारों लोग उधर दिल्ली, असम, लखनऊ और हैदराबाद के बाद अब कोलकाता से हिंसक प्रदर्शन की खबरें आ रही हैं. कोलकाता के चिनारपार्क में आज सुबह CAA को लेकर कुछ लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया. रस्तों पर उतरकर प्रदर्शनकारियों ने बसें रोकीं. कम से कम एक घंटे तक नारेबाजी की गई. उधर, हिंसक प्रदर्शनों के बीच दोपहर साढ़े 12 बजे के करीब कोलकाता एयरपोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गई.  



आपको बता दें कि, नागरिकता संशोधन विधेयक (CAA) के विरोध में दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के प्रदर्शन को जाधवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों का भी समर्थन मिलता नजर आया. कोलकाता स्थित इस विश्वविद्यालय में जामिया के छात्रों के समर्थन में पोस्टर लगे दिखाई दिए हैं. यहां के छात्रों ने जामिया के छात्रों के समर्थन में आजादी-आजादी के नारे लगाए हैं.  


गौरतलब है कि जामिया मिलिया और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. सोमवार को वकीलों ने चीफ़ जस्टिस कोर्ट में इसे मेंशन किया. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हम ये नहीं कह रहे कि कौन निर्दोष है और कौन गलत? हम केवल ये चाहते हैं कि जो दंगा हो रहा है वो शांत होना चाहिए. इस मसले पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. आज CJI ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. हिंसा हो रही है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. कल सुनवाई करेंगे पर पहले हिंसा रुकनी चाहिए.


उधर, नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार (18 दिसंबर) को सुनवाई करेगा. त्रिपुरा के महाराजा और कमल हासन की पार्टी MNM ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस पूरे मामले पर जल्द सुप्रीम की मांग की थी. दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अब तक सुप्रीम कोर्ट में करीब डेढ़ दर्जन याचिकाएं दायर हो चुकी हैं. इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश और तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल कर नागरिकता संशोधन कानून को चुनौती दी थी.