बांग्लादेश में बदल जाएगा रवींद्रनाथ टैगोर का लिखा राष्ट्रगान? जमात-ए-इस्लामी ने बदलने का दिया अल्टीमेटम, अटकलों पर लगा विराम
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बांग्लादेश में बदल जाएगा रवींद्रनाथ टैगोर का लिखा राष्ट्रगान? जमात-ए-इस्लामी ने बदलने का दिया अल्टीमेटम, अटकलों पर लगा विराम

Bangladesh National Anthem: बांग्लादेश में शेख हसीना की सत्ता जा चुकी है, देश की सत्ता की चाभी अंतरिम सरकार के हाथों में है. हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ा हुआ है, इसी बीच कटपरपंथी जमात-ए-इस्लामी ने बांग्लादेश के राष्ट्रगान को बदलने की मांग कर दी, जिसके बाद देश में विवाद खड़ा हो गया. आइए जानते हैं क्या सच में बांग्लादेश में बदल जाएगा रवींद्रनाथ टैगोर का लिखा राष्ट्रगान? 

बांग्लादेश में बदल जाएगा रवींद्रनाथ टैगोर का लिखा राष्ट्रगान? जमात-ए-इस्लामी ने बदलने का दिया अल्टीमेटम, अटकलों पर लगा विराम

No Change Planned For Bangladesh National Anthem: बांग्लादेश की जमात-ए-इस्लामी पार्टी के पूर्व प्रमुख के बेटे अब्दुल्लाह अमान आजमी ने देश के राष्ट्रगीत को बदलने की मांग की. आजमी ने रवींद्रनाथ टैगोर रचित 'आमार सोनार बांग्ला' को बदलने की मांग करते हुए कहा कि भारत ने इसे 1971 में हम पर थोपा था, बांग्लादेश के नए राष्ट्रगान को लेकर विवाद खड़ा हो गया, जिसके बाद अब सत्ता में आई नई अंतरमि सरकार ने बयान दिया है. 

जमात नेता ने उठाई थी बदलने की मांग
बांग्लादेश की कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी के पूर्व अमीत गुलाम आजम के बेटे अब्दुल्लाह अमान आजमी ने देश के राष्ट्रगान और संविधान में बदलाव की मांग की थी. उन्होंने कहा, 'मैं राष्ट्रगान का मामला इस सरकार पर छोड़ता हूं. हमारा वर्तमान राष्ट्रगान हमारे स्वतंत्र बांग्लादेश के अस्तित्व के विपरीत है.

भारत ने राष्ट्रगान को बांग्लादेश पर थोपा
यह बंगाल विभाजन और दो बंगालों के विलय के समय को दर्शाता है. दो बंगालों को एकजुट करने के लिए बनाया गया एक राष्ट्रगान एक स्वतंत्र बांग्लादेश का राष्ट्रगान कैसे बन सकता है?' आजमी अपनी बात में यही तक नहीं रुके उन्होंने कहा कि भारत ने हमारे देश पर यह राष्ट्रगान थोपा था. इसलिए सरकार को एक नया राष्ट्रगान चुनने के लिए एक आयोग बनाना चाहिए. 

बांग्लादेश में बयान पर विरोध
आजमी के बयान के बाद ही बांग्लादेश में विरोध शुरू हो गया. लोग इसके खिलाफ हो गए. ‌देश के सबसे बड़े सांस्कृतिक संगठन बांग्लादेश उदिची शिल्पी गोष्ठी के सभी जिलों और शाखा समितियों के कलाकारों और कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रगान के खिलाफ किसी भी साजिश के विरोध में एक साथ 'आमार सोनार बांग्ला' गाया जाने लगा. 

सरकार का बयान- राष्ट्रगान बदलने का कोई नहीं प्लान
विरोध इस स्तर पर बढ़ा कि सत्ता में आई नई अतंरिम सरकार को बयान जारी करना पड़ा. बांग्लादेश के धार्मिक मामलों के सलाहकार ए.एफ.एम. खालिद हुसैन ने शनिवार को कहा कि देश के राष्ट्रगान को बदलने की कोई योजना नहीं है. हुसैन ने संवाददाताओं से कहा, 'अंतरिम सरकार कुछ भी ऐसा नहीं करेगी, जिससे विवाद पैदा हो.' हुसैन ने कहा कि स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ मदरसे के छात्र भी दुर्गा पूजा के दौरान किसी भी हमले या तोड़फोड़ से मंदिरों की सुरक्षा करेंगे.

किसने लिखा बांग्लादेश का राष्ट्रगान ‘आमार सोनार बांग्ला’?
बांग्लादेश का राष्ट्रगान ‘आमार सोनार बांग्ला’ प्रसिद्ध बंगाली रचनाकार रवीन्द्रनाथ टैगोर के द्वारा लिखा गया था. बांग्लादेश की कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी के पूर्व अमीत गुलाम आजम के बेटे का कहना है कि राष्ट्रगान को 1971 में भारत द्वारा थोप दिया गया था.

 

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