मुंबई में अब इधर-उधर गाड़ी पार्क करने वालों की खैर नहीं, BMC ने पार्किंग नियम किए सख्त
जितनी गाड़ियां पार्किंग कॉम्पलेक्स में खड़ी रहती हैं उससे ज्यादा गाड़ियां अभी भी सड़कों पर अवैध रूप से खड़ी रहती हैं. जिससे पार्किंग की कमाई तो कम होती ही है, सड़कों पर भीड़भाड़ भी ज्यादा रहती है.
मुंबईः शहर में पार्किंग की समस्या से निजात दिलाने के लिए बीएमसी ने कुछ साल पहले ही प्राइवेट बिल्डरों को पार्किंग कांप्लेक्स बनाने के लिए जमीन का आवंटित की थी. ऐसे में शहर के सबसे बड़े व्यस्ततम स्थान, दक्षिण मुंबई, बांद्रा, दादर ,विलेपार्ले, महालक्ष्मी और कई ऐसे इलाकों में मल्टी स्टोरेज पार्किंग कांपलेक्स बनाए भी गए हैं, लेकिन जितनी गाड़ियां पार्किंग कॉम्पलेक्स में खड़ी रहती हैं उससे ज्यादा गाड़ियां अभी भी सड़कों पर अवैध रूप से खड़ी रहती हैं. जिससे पार्किंग की कमाई तो कम होती ही है, सड़कों पर भीड़भाड़ भी ज्यादा रहती है. ऐसे में निजात पाने के लिए बीएमसी ने एक अलग तरीके निकाला है.
बीएमसी ने नियम ही बना दिया है कि अवैध पार्किंग में रहने वाले स्कूटर मतलब दो पहिया वाहन को जुर्माने के तौर पर 5000 से 8000 तक देने होंगे. वहीं डेडीकेटेड रूप से बनाया गए पार्किंग कॉम्पलेक्स से महज 500 मीटर की दूरी पर खड़े अवैध रूप से गाड़ी से भी जुर्माना वसूल किया जाएगा. जुर्माने की राशि चार पहिया वाहन से 10000 से लेकर 23000 तक रखा गया है. पहले ही दिन मुंबई महानगर पालिका के अधिकारियों ने 61 वाहनों को अवैध पार्किंग इलाके से उठाकर जुर्माने की रसीद थमा दी. बीएमसी ने जुर्माना के रूप में 1,83,000 पहले ही दिन में वसूल किए.
मुंबई में बारिश से जगह-जगह लगा लंबा जाम, हुआ जलजमाव, हाईटाइड की चेतावनी
बीएमसी की स्थाई समिति के अध्यक्ष यशवंत जाधव का मानना है कि "इस तरीके से अवैध तरीके से सड़कों पर खड़ी की गई गाड़ियों से निजात पाया जा सकता है. हालांकि इस मामले में जुर्माना की राशि कम करने के बात जरूर की गई थी, लेकिन समिति में इस बात से इनकार किया और पार्किंग कंपलेक्स से दूरी 500 मीटर कर दी." BMC ने यह कदम तो शहर में गाड़ियों की भीड़भाड़ और बेतरतीब पार्किंग से निजात पाने के लिए किया, लेकिन लगाए गए जुर्माना की राशि को लेकर राजनीतिक दल सहित आम शहरों में विरोध भी है.
मुंबई में हो रही इतनी तेज बारिश कि पुलिस स्टेशन भी डूब गया, देखिए PICS
तर्क यह दिया गया है पहले महानगर पालिका प्रशासन को पार्किंग की व्यवस्था करनी चाहिए थी. इसके बाद इस तरह के जुर्माना लगाए जाने के लिए थे. जुर्माना की राशि किसी भी कीमत पर वाहन चालन अधिनियम के तहत होने चाहिए, ना कि एक तुगलकी फरमान की तरह. एनसीपी नेता नवाब मलिक ने इसे तुगलकी फरमान करार करते हुए इससे भ्रष्टाचार में बढ़ोतरी करने वाला एक साधन मात्र करार दिया है. उनका कहना है कि जिस तरह से क्लीनअप मार्शल के नाम पर बीएमसी एक अवैध और गलत तरह का व्यवहार करती है उसी तरह से पार्किंग के नाम पर खुली लूट करने की तरह से उन्हें छूट मिल गई."