नई दिल्लीः उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि वोकेशनल कोर्सेज के प्रति समाज का नजरिया बदलना जरूरी है. इन कोर्सेज से रोजगार और व्यवसाय के शानदार अवसर निकलते हैं. इसके बावजूद इन कोर्सेज को हेय दृष्टि से देखा जाता है. सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय में इन कोर्सेज को डिग्री से जोड़ा जाएगा. तब इनके प्रति धारणा बदलेगी और स्टूडेंट्स को पूरा लाभ मिलेगा. 


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12वीं में शानदार प्रदर्शन करने वालों से सिसोदिया ने किया संवाद
दिल्ली सचिवालय में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 12वीं में शानदार प्रदर्शन करने वाले वोकेशनल कोर्सेज के स्टूडेंट्स के साथ संवाद किया. उन्होंने कहा कि आप लोग जब शानदार नौकरी या व्यवसाय करेंगे, तो अन्य स्टूडेंट्स आपको रोल मॉडल और उदाहरण के रूप में देखेंगे. सिसोदिया ने कहा कि विकसित देशों में इन कोर्सेज को काफी सम्मान की नजर से देखा जाता है. सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय का उद्देश्य वोकेशनल कोर्सेस को व्यावहारिक, सम्मानजनक और रोजगार परक बनाना है.


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जर्मनी और फिनलैंड में महत्वपूर्ण हैं वोकेशनल कोर्सेज 
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी तीन चार साल में वोकेशनल कोर्सेज को काफी उपयोगी और सम्मानित बनाने का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय में किस प्रकार के कोर्सेज हों, इस पर आप सभी स्टूडेंट्स, टीचर्स और पेरेंट्स के सुझाव काफी उपयोगी होंगे. एक बार जब वोकेशनल कोर्सेज के जरिए यूनिवर्सिटी की डिग्री का रास्ता खुल जाएगा, तो इन कोर्सेज का महत्व काफी बढ़ जाएगा. इस दौरान मौजूद दिल्ली कौशल और उद्यमिता विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ निहारिका वोहरा ने कहा कि जर्मनी, फिनलैंड जैसे देशों में वोकेशनल कोर्स को सकारात्मक देखा जाता है. हम डिग्री और डिप्लोमा कोर्स के जरिये स्टूडेंट्स को नौकरी के साथ उद्यमी बनने के लिए भी तैयार करेंगे.