गंगटोक : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (24 सितंबर) सिक्किम को उसके पहले एयरपोर्ट की सौगात दी है. उन्‍होंने पाकयोंग ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का सोमवार को उद्घाटन किया. इस दौरान उनके साथ मुख्‍यमंत्री पवन चामलिंग और केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु भी मौजूद रहे. यह एयरपोर्ट 206 एकड़ में फैला है और इससे बनाने में 605.59 करोड़ रुपये की लागत आई है.


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पीएम मोदी ने कहा 'मुझे कई बड़ी-बड़ी योजनाओं का उद्घाटन करने का सौभाग्‍य मिला. मैं सिक्किम का पहला एयरपोर्ट आप लोगों को भेंट करता हूं. हिंदुस्‍तान ने सेंचुरी लगाई है क्‍योंकि अब देश में 100 एयरपोर्ट चालू हालत में हो गए हैं. इस एयरपोर्ट को उड़ान योजना से जोड़ा गया है. लोगों को अब एक घंटे के सफर के लिए ढाई हजार रुपये देने होंगे.आने वाले कुछ दिनों में यहां से पड़ोसी देशों के लिए भी सेवाएं चालू की जाएंगी.'


उन्‍होंने इसे इंजीनियरिंग का अद्भुत कार्य बताया और इसका निर्माण करने वाले इंजीनियरों और कामगारों को धन्‍यवाद दिया. उन्‍होंने कहा 'नॉर्थ ईस्‍ट में आजादी के बाद पहली बार कई कार्य हो रहे हैं. पहली बार हवाई जहाज पहुंचे, पहली बार रेल पहुंची, पहली बार सड़कों का निर्माण हो रहा है.'


फोटो ANI

पाकयोंग ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट गंगटोक से करीब 33 किलोमीटर दूर है. इस एयरपोर्ट से सिक्किम आने जाने वाले लोगों को राहत मिलेगी. इससे दिल्‍ली से सिक्कित की दूरी 2 घंटे में तय की जा सकेगी. पीएम मोदी पाकयोंग में सेंट जेवियर्स स्कूल में लोगों को संबोधित भी करेंगे. 



पीएम मोदी रविवार को अपने दो दिवसीय दौरे यहां पहुंचे थे. प्रधानमंत्री बागडोगरा से एमआई-8 हेलीकाप्टर से यहां पहुंचे और सेना के लिबिंग हेलीपैड पर राज्यपाल गंगा प्रसाद, मुख्यमंत्री पवन चामलिंग और अन्य ने उनकी अगवानी की थी. रविवार को प्रधानमंत्री की एक झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में लोग वर्षा के बावजूद सड़क के दोनों ओर जुटे हुए थे. मोदी ने भी अपने वाहन से लोगों की ओर हाथ हिलाया. बाद में प्रधानमंत्री ने राजभवन में भाजपा नेताओं और विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की.


फोटो ANI

देश का 100वां वर्किंग एयरपोर्ट
सिक्किम की राजधानी गंगटोक के ऊंचे पहाड़ी इलाके में बने इस ग्रीनफील्‍ड एयरपोर्ट को हाल ही में सिविल एविएशन विभाग की ओर से कॉमर्शियल उड़ानों की परमीशन मिली है. यह एयरपोर्ट चीन बॉर्डर से सिर्फ 60 किमी दूर है. यहां से उड़ने वाले एयरफोर्स विमानों को चीन सीमा तक पहुंचने में कुछ ही मिनट का समय लगेगा. यह एयरपोर्ट देश का 100वां वर्किंग एयरपोर्ट होगा. हाल ही में भारतीय वायुसेना का एक डोर्नियर 228 इस हवाई अड्डे पर ट्रायल के तौर पर उतारा गया था. इसके अलावा यात्री विमानों की टेस्टिंग के तौर पर स्‍पाइसजेट पहले ही यहां ड्राई रन कर चुकी है. 


600 करोड़ की लागत में बना एयरपोर्ट 
यह एयरपोर्ट 206 एकड़ में फैला है और इससे बनाने में 605.59 करोड़ रुपये की लागत आई है. इसमें जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग का इस्तेमाल किया गया है और यहां की मिट्टी में एयरपोर्ट की जरूरतों के हिसाब से बदलाव किए गए हैं. साथ ही स्लोप स्टेबलाइजेशन तकनीक भी लगाई गई है. पिछले दिनों एक अधिकारी ने किराए कि बता करते हुए कहा कि स्पाइसजेट को रीजनल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 'उड़े देश का हर नागरिक' (उड़ान) योजना के तहत ऑपरेशन की इजाजत मिली है, इसलिए किरायों पर दी गई कैप 2,600 रुपये है.