जयपुर: दिवाली के स्वागत में राजधानी के बाजार सज धजकर तैयार हो गए हैं. बाजारों में खासी रौनक देखी जा रही है. दिवाली पर शहर के पटाखा कारोबारी भी खासे उत्साहित है. हर साल दिवाली पर पटाखों का करोड़ों रूपए का कारोबार होता आ रहा है. वहीं देश के पटाखा व्यवसासियों के लिए चुनौती बने चाइनीज पटाखों का कारोबार भी बढ़कर करोड़ों रुपए तक पहुंच गया है. राजधानी जयपुर के बाजारों में भी चोरी छिपे चाइनीज पटाखों की ब्रिकी हो रही है.


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दिवाली पर देशी पटाखें ही सुरक्षित और मानक माने जाते रहे हैं लेकिन पिछले कुछ सालों से चाइनीज पटाखों ने राजधानी जयपुर के बाजारों में दस्तक दी है. देशी पटाखों से सस्ते होने के चलते ग्राहक भी अपनी जान की परवाह किए बगैर चाइनीज पटाखें खरीदने में रूचि दिखा रहे हैं. चीनी पटाखें समुद्री और नेपाल के रास्ते तस्करी कर देश में लाए जा रहे हैं. मुनाफा ज्यादा होने से व्यापारी भी चाइनीज पटाखें देशी पटाखें बताकर बेच रहे है. हालांकि, देशी और चाइनीज पटाखों में कोई खास अंतर नहीं होने से इनकी पहचान मुश्किल है. बढ़ते प्रदूषण के साथ ही अब ग्रीन पटाखों की मांग भी बाजार में बढ़ने लगी है. प्रदूषण के चलते प्रशासन ग्रीन पटाखों को ही इस्तेमाल करने की अपील भी कर रहा है. पर्यावरण और आमजन को नुकसान पहुंचाने वाले खतरनाक पटाखों के मामले में पुलिस ने सख्ती करते हुए छापेमारी भी शुरू की है.


चाइनीज पटाखों में पोटेशियम क्लोरेट नामक खतरनाक रसायन होता है. जो बम बनाने के काम आता है. इससे न सिर्फ बम धमाके हो सकते है बल्कि वातावरण को प्रदूषित कर जानलेवा साबित हो सकता है. ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से इसे प्रतिबंधित किया है और शहर की पुलिस ने इसे गैरजमानती अपराध की श्रेणी में शामिल किया है लेकिन पटाखा कारोबारी पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाकर बेवजह परेशान करने के आरोप लगा रहे हैं.


चाइनीज पटाखें जहां एक ओर देश की जनता के लिए खतरनाक है. वहीं दूसरी ओर ये पटाखें देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी उतने ही घातक साबित हो रहे हैं. ऐसे में चाइनीज और प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों को रोकने के लिए जहां शहरभर में कार्रवाई जारी है. वहीं अब पुलिस भी आमजन से ग्रीन पटाखें ही खरीदने की अपील भी कर रही है.