नई दिल्ली: राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बागी तेवरों के बाद अशोक गहलोत की सरकार संकट में आ गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार बचाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने सुबह कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई है. पार्टी ने व्हिप जारी किया है. बैठक में 90 विधायक पहुंचे हैं. कांग्रेस के 19 विधायक बैठक में नहीं पहुंचे है. पार्टी की ओर से सचिन पायलट को मनाने की कोशिश जारी है. 


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इसी बीच, राजस्थान में मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के खेमे भी हलचल बढ़ गई है. सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान की उठापटक पर पार्टी की करीब से नजर है. पार्टी को सचिन पायलट के अगले कदम का इंतजार है. बीजेपी के कई बड़े नेता साफ कर चुके हैं कि सचिन पायलट की बगावत कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई है और इसमें बीजेपी की कोई भूमिका नहीं है. 


सूत्रों के मुताबिक, गहलोत सरकार गिराना आसान नहीं है. बीजेपी और कांग्रेस के बीच संख्या का अंतर बड़ा है. पहले सचिन की ताकत देखी जाएगी. कम से कम 30 कांग्रेस विधायक इस्तीफा दें तभी गहलोत सरकार गिरेगी. विधानसभा का अभी साढ़े तीन साल का कार्यकाल बाकी है, ऐसे में क्या विधायक जोखिम मोल लेंगे, इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है.  


कांग्रेस से निकाले जा सकते हैं पायलट
राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट को कांग्रेस से निकाला जा सकता है. उनके समर्थक विधायकों पर कार्रवाई की जा सकती है. राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा- जो बैठक में नहीं आएगा उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है. नए प्रदेश अध्यक्ष में रघुवीर मीणा का नाम सामने आ रहा है जो कि गहलोत के करीबी हैं.