मुंबई: महाराष्ट्र में मंदिर खोलने को लेकर सत्तारूढ़ दल शिवसेना (Shiv Sena) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच मचे घमासान के बाद अब रामलीला (Ram leela) पर संग्राम छिड़ता दिख रहा है. मदरसों और मंदिरों को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Cm Uddhav Thackeray) को पत्र लिखने वाले उत्तरी मुंबई के भाजपा विधायक अतुल भातखलकर (BJP MLA Atul Bhatkhalkar) ने अब रामलीला के आयोजन को मंजूरी दिए जाने की मांग की है.


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‘रामलीला आयोजन की इजाजत मिले’
भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने कहा है कि महाराष्ट्र में रामलीला मनाने की बड़ी परंपरा है. उनका तर्क है कि इस दौरान (कोरोनाकाल) भी रामलीला आसानी से मना सकते हैं. अतुल भातखलकर ने कहा है कि वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से प्रार्थना करेंगे कि भले ही उन्होंने मंदिर खोलने के लिए परमीशन नहीं दी है लेकिन कम से कम रामलीला आयोजन की इजाजत तो दे दें.


बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र में मंदिर खोले जाने की मांग को लेकर जमकर राजनीतिक विवाद हुआ. उस समय भी भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने उद्धव ठाकरे सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा था कि ‘कम से कम उद्धव ठाकरे को तो बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) के हिंदुत्व को जारी रखना चाहिए.’ उन्होंने कहा था कि बालासाहेब ठाकरे आज जीवित होते तो सबसे पहले मंदिर
खुलवाते और बाद में बार-रेस्टोटेंट और होटल.


इसके बाद भाजपा विधायक ने गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार द्वारा संचालित मदरसों पर अंकुश लगाने की मांग की. उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र भी लिखा. उन्होंने उद्धव सरकार को असम सरकार के फैसले का अनुकरण करने की नसीहत दी.


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