पटना: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इटली के आत्मसमर्पण करने पर सितंबर 1943 में खुशी प्रकट करने के लिए शहर में हुए कार्यक्रमों के तहत ऐतिहासिक पटना कलेक्टरेट के परिसर में भोजन करने के लिए गरीब उमड़ पड़े थे. एक पुरालेख दस्तावेज से यह पता चला है. दस्तावेज के मुताबिक इस मौके पर शहर में मंदिरों, मस्जिदों और गिरिजाघरों में प्रार्थना करने के लिये लोगों का तांता लग गया था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अमेरिकी थल सेना के जनरल ड्वाइट आइजनहावर ने आठ सितंबर 1943 को इटली के आत्मसमर्पण करने की सार्वजनिक घोषणा की थी. भारतीय सैनिकों ने दोनों विश्वयुद्ध में अहम भूमिका निभाई थी.


दस्तावेजों के मुताबिक, पटना जिला युद्ध समिति ने इतिहास की इस ऐतिहासिक घटना के मौके पर 11 सितंबर को कई कार्यक्रमों का आयोजन किया था. पटना सिटी के ऐतिहासिक किला हाउस के जलान परिवार के निजी संग्रहों के मुताबिक इटली पर संयुक्त राष्ट्र (सहयोगी देशों) की जीत की खुशी मनाने के लिए लोगों ने मंदिरों, मस्जिदों और गिरिजाघरों में प्रार्थना की थी. साथ ही सभी सार्वजनिक भवनों पर सुबह साढ़े सात से साढ़े बजे के बीच झंडा फहराया गया था.


इसके बाद पटना कलेक्टरेट में सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक गरीबों को भोजन कराया गया था. दुर्भाग्य से ऐतिहासिक पटना कलेक्टरेट परिसर - डच (हालैंड) कालीन रिकार्ड रूम और ओल्ड डिस्ट्रिक्ट इंजीनियर्स ऑफिस डिस्ट्रिक्ट बोर्ड पटना बिल्डिंग को बिहार सरकार द्वारा जल्द ही ध्वस्त किया जाने वाला है.


पटना उच्च न्यायालय ने इसे ढहाए जाने पर लगे अंतरिम स्थगन को अपने एक फैसले में हटा दिया है. पटना उच्च न्यायालय का यह फैसला इतिहासकारों, पुरातत्व संरक्षकों और कई अन्य धरोहर प्रेमियों तथा विशेषज्ञों के लिये एक बड़े झटके से कम नहीं था. उन्होंने बिहार सरकार से ऐतहासिक कलेक्टरेट को नहीं ध्वस्त करने की अपील की है.


जलान परिवार के मौजूदा वारिस आदित्य जलान (43) ने कहा कि पटना कलेक्टरेट के द्वितीय विश्व युद्ध से संबंध बयां करने वाला दस्तावेज एक दुर्लभ संग्रह है. यह 1943 का एक आमंत्रण पत्र है जो उनके परदादा दीवान बहादुर राधा कृष्ण जलान के नाम से संबोधित था. स्कॉटलैंड की शोधार्थी पाउला गोंगाजा दे सा ने कहा कि यह एक अमूल्य वस्तु है और यह शहर के इतिहास को बयां करता है.


एक अन्य दस्तावेज पत्र के रूप में 10 अगस्त 1917 का है. यह प्रथम विश्वयुद्ध के समय का है. इसमें इलाके में बाढ़ प्रभावित लोगों को पटना कलेक्टरेट के कर्मचारियों के भोजन वितरित किये जाने में शामिल होने का वर्णन है. यह पत्र पटना के तत्कालीन कलेक्टर जे एफ ग्रुनिंग ने आर के जलान को लिखा था, जो एक जाने माने व्यक्ति थे.