नई दिल्‍ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार शाम को अपने मंत्रिमंडल के 57 सदस्‍यों संग पद और गोपनीयता की शपथ ली है. आज उनकी नई कैबिनेट की पहली मीटिंग होनी है. ऐसे में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि नई सरकार 100 दिन में आर्थिक सुधार के लिए कड़े और बड़े फैसले ले सकती है. इसमें घाटे से जूझ रही सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया समेत 42 कंपनियों के निजीकरण किए जाने का फैसला भी संभव है.


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पिछले दिनों इस संबंध में एविएशन मिनिस्ट्री से भी संकेत मिले थे. इनके मुताबिक मंत्रालय एयर इंडिया को पूरी तरह प्राइवेट प्लेयर के हाथों में सौंपने की तैयारी कर रहा था. ऐसा भी कहा जा रहा था कि इसकी शुरुआत इसी साल अगस्त या सितंबर महीने में हो सकती है. इससे पहले भी सरकार ने एयर इंडिया में हिस्‍सेदारी बेचने की तैयारी की थी, लेकिन कोशिश विफल रही थी.


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सरकार Air India में 25 फीसदी हिस्‍सेदारी रखना चाहती थी और 75 फीसदी हिस्‍सेदारी बेचना चाहती थी. लेकिन इस शर्त की वजह से एयर इंडिया को कोई निवेशक नहीं मिला.


एयर इंडिया का निजीकरण संभव. फाइल फोटो 

अगर किसी कंपनी में किसी का 25 फीसदी या इससे ज्यादा शेयर होता है तो वह कंपनी के फैसले को प्रभावित करने की क्षमता रखता है. इसी वजह से सरकार द्वारा 25 फीसदी हिस्‍सेदारी अपने पास रखने के फैसले को निवेशकों ने नहीं माना. एयरलाइन्स पर 55000 करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसमें से 30 हजार करोड़ का कर्ज SPV को ट्रांसफर किया जा चुका है.