नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में बीजेपी की रथयात्रा को इजाजत नहीं दी है. कोर्ट ने कहा कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि इस रथयात्रा से सौहार्द बिगड़ेगा. हालांकि कोर्ट ने बीजेपी के बैठक करने की इजाजत दी है. बता दें कि पहले बीजेपी की पश्चिम बंगाल में 39 सभाएं होनी थी अब राज्य सरकार 20 करने को तैयार हुई है. राज्य सरकार की दलील - अब तक सभा में कितने लोग आएंगे और सभा कहां होगी, बीजेपी ने अब तक नहीं बताया है. कोर्ट ने बीजेपी को कहा है कि वह अपनी यात्रा का नया शेड्यूल पश्चिम बंगाल सरकार को दे. 


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इससे पहले राज्य सरकार ने कोर्ट में कहा 'हमें सभा को लेकर आपत्ति नहीं है, रथयात्रा को लेकर आपत्ति है. क्योंकि बीजेपी  की यह यात्रा संवेदनशील इलाकों से गुज़रेगी .


बीजेपी एक दिन में दो हजार लोगों की हुजूम के साथ त्रिशूल लेकर संवेदनशील इलाकों से गुजरेगी. सिनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से पेश हुए. वहीं सीनियर वकील मुकुल रोहतगी ने पश्चिम बंगाल बीजेपी के तरफ से पक्ष रखा. रोहतगी ने तर्क दिया. राज्य सरकार का "शत्रुतापूर्ण" व्यवहार है, हमारे लोकतांत्रिक अधिकार का उल्लंघन कर रही है. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन राज्यों में सरकारें बनाना जो आपको पसंद नहीं हैं, यह भी लोकतंत्र का हिस्सा है.


इससे पहले 8 जनवरी को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. दरअसल, राज्य बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर कलकत्ता हाईकोर्ट की डिवीजन के फैसले पर रोक लगाने की मांग थी. कोलकाता में बीजेपी की प्रस्तावित गणतंत्र बचाओ रथयात्रा पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने रोक लगा दी थी.


वहीं, इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने बीजेपी की प्रस्तावित गणतंत्र बचाओ रथयात्रा को मंजूरी दे दी थी, जिसे राज्य सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था. इसके बाद ममता सरकार हाईकोर्ट के एकल बेंच के इस फैसले के खिलाफ डिवीजन बेंच के पास पहुंची थी. 


आपको बता दें कि ममता सरकार ने राज्य में सांप्रदायिक शांति व्यवस्था का हवाला देते हुए राज्य में बीजेपी की गणतंत्र रथयात्रा को अनुमति देने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद बीजेपी ने हाईकोर्ट में राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करने केबादहाईकोर्ट ने राज्य सरकार के इस फैसले को रद्द कर दिया था. जिसके बाद अब ममता सरकार ने हाईकोर्ट के एकल बेंच के इस फैसले को चुनौती दी थी. जिस पर हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ सुनवाई की और रथयात्रा पर फिर से रोक लगा दी थी. 


इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में बीजेपी की गणतंत्र रथयात्रा को अनुमति नहीं देने संबंधी राज्य सरकार के आदेश को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि रथ यात्रा से होने वाला खतरा काल्पनिक आधार पर नहीं हो सकता है