जहां विकास दुबे मारा गया वो बना सेल्फी प्वाइंट, बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं लोग
वारदात के बाद ये घटनास्थल लोगों के कौतूहल का विषय बन गया है.
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी दुर्दांत अपराधी विकास दुबे की शुक्रवार को कथित मुठभेड़ में मौत के बाद ये घटनास्थल लोगों के लिए सेल्फी प्वाइंट बन गया है. विकास दुबे शुक्रवार सुबह उज्जैन से कानपुर ले जाते वक्त रास्ते में भौती क्षेत्र में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ हुई कथित मुठभेड़ में मारा गया.
एसटीएफ के मुताबिक विकास दुबे को ले जा रहा वाहन भौती क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. विकास दुबे ने मौके का फायदा उठाकर भागने की कोशिश की तो एसटीएफ ने उसे आत्मसमर्पण करने के लिए कहा लेकिन उसने एसटीएफ के जवानों पर एक जवान से छीनी गई पिस्टल से गोली चलाई. इसके बाद जवाबी कार्रवाई में वो मारा गया.
वारदात के बाद ये घटनास्थल लोगों के कौतूहल का विषय बन गया है. उधर से गुजरने वाला हर शख्स ये जानने के लिए उत्सुक है कि किस जगह पर मुठभेड़ हुई और ये अंदाजा लगाने की कोशिश में है कि दुबे को कैसे मारा गया होगा.
ये भी पढ़ें- विकास दुबे एनकाउंटर: 'गाड़ी जा रही थी, अचानक भागता हुए भैसों का झुंड आ गया...'
ये कहना गलत नहीं होगा कि वह घटनास्थल सेल्फी प्वाइंट बन गया है. गुजरने वाला हर व्यक्ति मौका-ए-वारदात की तस्वीर को अपने मोबाइल फोन में कैद करने की कोशिश में है.
लोगों की भीड़ की वजह से भौती इलाके में उस जगह पर जाम की स्थिति बन रही है. ट्रक चालक और निजी वाहन से गुजर रहे लोग यह पूछते हुए दिख रहे हैं 'क्या हुआ भैया यहां पर बहुत भीड़ है.' जिस जगह विकास दुबे मारा गया, उसके दूसरी तरफ एक आटा मिल है.
वहां काम करने वाले राहुल सिंह ने बताया, 'हमें गोली चलने की कोई आवाज नहीं सुनाई दी क्योंकि हम फैक्ट्री के अंदर काम कर रहे थे, जहां मशीनें चलने की वजह से पहले ही काफी शोर था.' उसने बताया कि उसकी ड्यूटी सुबह सात बजे शुरू होती है और चूंकि सुबह छह बजे से काफी तेज बारिश हो रही थी इस वजह से उसे घटना के बारे में देर से पता चला. मेरे एक वरिष्ठ साथी ने जब बताया तो मुझे पता चला कि सड़क के दूसरी ओर किसी को गोली मारी गई है.