तुषार श्रीवास्तव, लखनऊ: लॉकडाउन (Lockdown) के चलते बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के रहने वाले लोग पूरे देश में कहीं न कहीं फंसे हुए हैं. ऐसे में इनको राशन और दूसरी सुविधाओं को मुहैया करवाने के मकसद से उत्तर प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ अधिकारियों को देश के अलग-अलग हिस्सों का नोडल अधिकारी बनाया है. इन नोडल अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वह उत्तर प्रदेश के मूल निवासियों की मदद करें.


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बता दें कि सरकार ने इन नोडल अफसरों के नंबर भी जारी किए हैं. समाज कल्याण निदेशालय में बिहार और झारखंड में फंसे यूपी वालों की मदद के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है. इस कंट्रोल रूम में बड़ी संख्या में यूपी के रहने वाले लोग अपनी मदद के लिए फोन कर रहे हैं.


साथ ही साथ बिहार और झारखंड के रहने वाले लोग भी इस कंट्रोल रूम के नंबर पर फोन करके मदद मांग रहे हैं. वैसे तो अन्य प्रदेशों के लोगों की मदद करना इनकी जिम्मेदारी में शामिल नहीं है, लेकिन समाज कल्याण विभाग के अधिकारी दादर नगर हवेली, चेन्नई, महाराष्ट्र समेत देश की जिस किसी कोने से फोन आ रहे हैं, उनकी भी समस्याओं को मानवीय आधार पर दूर कर रहे हैं. जिनके भी फोन आते हैं, उनकी पूरी डिटेल और समस्या का पूरा विवरण कंप्यूटर पर दर्ज किया जाता है.


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समाज कल्याण के ज्वाइंट डायरेक्टर सुनील कुमार का कहना है, "हर दिन हजारों कॉल आते हैं. हर 15 सेकंड में इस कंट्रोल रूम में फोन आता है और हम उनकी जरूरत के हिसाब से मदद करते हैं."


प्रमुख सचिव मनोज सिंह बताया, "हमारे पास किसी भी तरह की समस्या के लिए फोन आते हैं. हम उनकी समस्या का निराकरण करते हैं. जैसे इलाहाबाद के रहने वाले जितेंद्र श्रीवास्तव बिहार के कटिहार में फंसे हैं. उनको किडनी की बीमारी है, जिसका इलाज पटना में हो रहा है. लेकिन लॉकडाउन की वजह से दवा नहीं मिल पा रही थी. हम लोगों ने पटना प्रशासन से बात करके उनको दवा पहुंचवाई. ऐसे ही कहीं किसी की मौत हो गई तो उनके फंसे हुए रिश्तेदारों को E-Pass बनवाकर पहुंचवाते हैं. अब तक योगी सरकार के इस कंट्रोल रूम ने 10,000 से भी अधिक लोगों की अलग-अलग तरह से मदद की है."


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