नई दिल्ली: मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा , पश्चिमी तट के दक्षिणी हिस्सों और लक्षद्वीप के तटों पर तेज हवाओं के चलने और समुद्र के अशांत रहने की चेतावनी दी है और मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है. मौसम विभाग ने कहा कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटों पर 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज हवाएं चल सकती हैं और समंदर अशांत रह सकता है. इसने अपनी चेतावनी में कहा है कि मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वे इन तटों से समुद्र में नहीं जाएं. भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केन्द्र ने अपनी चेतावनी में कहा है कि भारत के पश्चिमी तट और लक्षद्वीप से लगते तटों पर लहरें उठने की संभावना है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आईएनसीओआईएस पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने एक संस्थान है, जो सुनामी और समुद्र में उथल-पुथल के बारे में जानकारी देता है. मौसम विभाग ने कहा कि पश्चिम बंगाल के उप हिमालय क्षेत्र, सिक्किम, झारखंड, पश्चिम बंगाल का गंगा का क्षेत्र, ओडिशा, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, दक्षिण छत्तीसगढ़ और केरल के अलग अलग इलाके में आंधी तूफान आने और गरज के साथ बारिश होने की संभावना है. दक्षिण असम , मेघालय , मिजोरम और त्रिपुरा में भारी बारिश की कम संभावना है.  


अक्षय तृतीया के दिन मौसम और देश के मिजाज को लेकर हुईं खास भविष्यवाणियां
क्या आपने कभी सोचा है कि जब मौसम विभाग नहीं था तब बारिश के बारे में कौन बताता होगा. भारत में मौसम विभाग के पहले लोग मौसम की भविष्यवाणी मंदिरों और पंचांगों के जरिए सुनते थे. ये परंपराएं आज भी प्रचलित हैं और काफी मान्य हैं. देश के कई इलाकों में बोवनी का कार्य इन्हीं पर निर्भर होता है. ऐसी ही एक श्रध्दापूर्ण परंपरा महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में पिछले करीब 350 वर्षों से चलती आ रही है. अक्षय तृतीया के दिन यहां के वाघ महाराज परिवार के लोग बारिश की भविष्यवाणी करते हैं. इसके साथ ही वहां देश की आर्थिक व्यवस्था, सामाजिक बदलाव और मौसम की भविष्यवाणी की जाती है. सालाना होने वाले इस धार्मिक प्रक्रिया को यहां के लोग बहुत मानते हैं और उसके अनुसार अपने काम का नियोजन करते हैं.


भविष्यवाणी के मुताबिक होती है पूरे साल की प्लानिंग
विदर्भ के बुलढाणा स्थित भेंडवड़ गांव में इस आयोजन के लिए और भविष्यवाणी सुनने के लिए भारी भीड़ लगती है. जहां धार्मिक विधि के बाद देश का भविष्य बताया जाता है. भेंडवड़ गांव में पिछले करीब 350 सालों से भी ज्यादा लंबे समय से यह विधि चलती आ रही है. अक्षय तृतीया के दिन वाघ महाराज परिवार के लोग यह विधि करते हैं. जिसके बाद उस साल के लिए मौसम, राजनीति और आर्थिक भविष्यवाणी की जाती है. इसे सुनने के लिए लोग काफी संख्या में इकट्ठा होते हैं. जब वाघ महाराज परिवार अपनी यह भविष्यवाणी बताते हैं तो लोग ध्यान लगाकर सुनते हैं और फिर अगले पूरे साल की प्लानिंग उसी भविष्यवाणी के तहत की जाती है.


इनपुट भाषा से भी