नई दिल्‍ली: सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का ओडिसा के चांदीपुर इलाके में सोमवार सुबह सफल परीक्षण किया गया है. इस सफल परीक्षण के साथ सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के जीवनकाल में पांच साल की बढ़ोत्‍तरी हो गई है. मिसाइल तकनीक में भारत को अग्रणी देशों की सूची में शामिल करने वाली इस मिसाइल की जीवन अवधि अब तक सिर्फ 10 साल थी. इस सुपरसॉनिक मिसाइल की जीवन अवधि बढ़ाने के लिए डीआरडीओ लंबे समय से प्रयास कर रहा था. सोमवार को हुए सफल परीक्षण के बाद  ब्रह्मोस की जीवन अवधि को 10 सालों से बढ़ाकर 15 साल कर दिया गया है.


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उल्‍लेखनीय है कि आवाज की गति से तीन गुना अधिक रफ्तार से मार करने वाली इस सुपरसॉनिक मिसाइल  ब्रह्मोस को ब्रह्मोस कोर्पोरेशन द्वारा तैयार किया गया था. ब्रह्मोस कोर्पोरेशन डिफेंस रिसर्च एण्‍ड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) और रूस के एनपीओ मशीनोस्त्रोयेनिशिया का संयुक्‍त उपक्रम है. रूस के पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित ब्रह्मोस मिसाइल को अब तक की सबसे आधुनिक मिसाइल सिस्‍टम माना जाता है. सेना के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, ब्रह्मोस मिसाइल को जमीन से, हवा में विमान से, पानी में पनडुब्‍बी और जंगी जहाजों से लांच करने का सफल परीक्षण पहले ही किया जा चुका है.


 



 


यह मिसाइल बिना किसी चूक के 290 किलोमीटर तक मार कर सकती है. आशा की जा रही है कि जल्‍द ही इस मिसाइल की मारक क्षमता 400 किलोमीटर से अधिक हो जाएगी. उन्‍होंने बताया कि ब्रह्मोस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी के नाम को मिलाकर बनाया गया है. ब्रह्मोस के नाम के साथ उसकी सबसे बड़ी खासियत सुपरसोनिक क्रूज भी जुड़ा हुआ है. अपनी इस खासियत की वजह से यह मिसाइल बेहद तेजी से उड़ान भरती है. 


इस मिसाइल की गति इतनी अधिक है कि इसे राडार द्वारा भी नहीं पकड़ा जा सकता है. इसके अलावा, इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि किसी भी मौसम में लक्ष्‍य भेदने के लिए ब्रह्मोस  मिसाइल को लांच किया जा सकता है.