Successful trial of Dhruvastra Helina Missile against China: लद्दाख इलाके में भारत और चीन के बीच हुए सैन्य गतिरोध को 3 साल पूरे होने जा रहे हैं. दोनों देशों के 60-60 हजार सैनिक भारी हथियारों के साथ एक-दूसरे के सामने डटे हुए हैं. कोरोना महामारी की वजह से दुनियाभर में चीन अर्थव्यवस्था सिकुड़ी है और वहां से बड़ी कंपनियां निकलकर भारत समेत दुनिया के देशों में मूव करने लगी है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि अपनी जनता का ध्यान डाइवर्ट करने के लिए चीन की कम्युनिस्ट सरकार भारत या ताइवान पर हमला कर सकती है. इस आशंका को देखते हुए भारत भी तैयार है और एलएसी पर लगातार नए-नए संहारक हथियार तैनात किए जा रहे हैं. 


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‘ध्रुवास्त्र हेलिना’ ने उड़ा दिए टारगेट के परखच्चे


अब भारत ने पूर्वी लद्दाख में ऐसे ही एक और संहारक हथियार ‘ध्रुवास्त्र हेलिना’ (Dhruvastra Helina) का सफल ट्रायल किया है. यह एक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल है, जिसे डीआरडीओ ने भारतीय सेना (Indian Army) के साथ मिलकर तैयार किया है. इस मिसाइल को स्वदेश में निर्मित अटैक हेलीकॉप्टर रुद्र से लद्दाख की पहाड़ियों में दागा गया. इसके लिए एक वाहन को टैंक का रूप देकर लद्दाख की ऊंची पहाड़ियों के नीचे खड़ा किया गया था. लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर रुद्र में लगे इन्फ्रारेड इमेजिंग सीकर (Sikar) के जरिए पायलट ने पहले अपने टारगेट को लॉक किया और उसके बाद हेलिना मिसाइल फायर कर दी. मिसाइल ही कुछ ही क्षणों में टारगेट का नामों निशान मिटा दिया. 


7 किमी तक मार कर सकती है हेलिना मिसाइल


रिपोर्ट के मुताबिक ‘ध्रुवास्त्र हेलिना’ (Dhruvastra Helina) मिसाइल तीसरी पीढ़ी की फायर-एंड-फॉरगेट यानी दागो और भूल जाओ श्रेणी की मिसाइल है. यह मिसाइल न्यूनतम 500 मीटर और अधिकतर 7 किमी की दूरी से टारगेट पर मार कर सकती है. इस मिसाइल को टैकों को उड़ाने के लिए विकसित किया गया है. इससे पहले नाग नाम से एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल तैयार की गई थी, जिसकी अधिकतम मारक क्षमता 5 किमी थी. यह उसी मिसाइल का अपग्रेडेड वर्जन है. जब लद्दाख की वादियों में इस मिसाइल का परीक्षण किया जा रहा था तो वहां पर आर्मी, एयर फोर्स और डीआरडीओ के अधिकारी मौजूद थे. 


चीनी टैंकों का मिटा देगी नामोंनिशान


बता दें कि चीन (China) ने अपने कब्जे वाले लद्दाख के इलाके में हल्के वजन वाले टैंकों के बेड़े तैनात कर रखे हैं. इसके जवाब में भारत ने भी अपने खतरनाक टैंक अर्जुन और T-90 लद्दाख में उतार रखे हैं, जो चीन की किसी भी चाल का तुरंत जवाब दे सकत हैं. अब चीनी टैंको के उनके ही इलाके में परखच्चे उड़ाने के लिए ‘ध्रुवास्त्र हेलिना’ (Dhruvastra Helina) पर काम चल रहा है. इस मिसाइल की मदद से भारत अक्साई चिन में घुसकर चीनी टैंकों को निशाना बना सकेगा. 


500 मिसाइल खरीद सकती है भारतीय सेना


रिपोर्ट के मुताबिक इस मिसाइल का पिछले साल अप्रैल में भी 2 दिनों तक लद्दाख में ट्रायल किया गया था. लगातार दो 2 साल ट्रायल के बाद अब इस मिसाइल का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू करने की तैयारी है. फिलहाल इस मिसाइल की लागत कम करने की कोशिश की जा रही है. माना जा रहा है कि इस तरह की एक मिसाइल (Dhruvastra Helina) की कीमत 1 करोड़ रुपये से कम रहेगी. भारतीय सेना (Indian Army) की ओर से इस तरह की 500 मिसाइलों और 40 लॉन्चरों के ऑर्डर देने की उम्मीद है. इसके बाद हेलीकॉप्टर रुद्र में इन मिसाइलों को फिट करके पूरी एलएसी पर तैनात कर दिया जाएगा.