Sudha Murthy: सर, मैं कैसे, कहां से शुरू करुं? मुझे नहीं पता है. आदरणीय वाइस चेयरमेन सर, यह मेरी पहली स्‍पीच है. सर, मेरे पास कितना टाइम है? पांच मिनट. ओके सर, सर, मेरा नाम देश के राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए नामित किया उसके लिए शुक्रगुजार हूं, देश के पीएम ने मेरे नाम की घोषणा महिला दिवस पर किया था. मैने हमेशा गरीबों के लिए जमीनी स्तर पर काम किया है, इसलिए मेरे पास दोनों सदनों का कोई भी अनुभव नहीं हैं.


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ये लाइनें हैं देश की जानी-मानी समाजसेवी और लेखिका सुधा मूर्ति की. जिन्होंने मंगलवार को राज्यसभा में अपना पहला भाषण दिया. 14 मार्च को उन्होंने अपने पति नारायण मूर्ति की मौजूदगी में संसद सदस्य के रूप में शपथ ली थीं. वह राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बोल रही थीं.


सुधा मूर्ति ने पहले भाषण में कर दी सरकार से बड़ी मांग
सुधा मूर्ति ने राज्यसभा में अपने पहले भाषण में दो बातों पर जोर दिया, एक महिलाओं में होने वाले सर्वाकल कैंसर और दूसरा घरेलू पर्यटन पर. अपने 12 मिनट 30 सेकंड में सुधा मूर्ति इन्हीं दो बातों पर बात करती रहीं. 

आप भी देखें सुधा मूर्ति की पहली स्पीच का वीडियो:-



सर्वाइकल कैंसर 
मूर्ति ने कहा देश में इन दिनों सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में बहुत तेजी से बढ़ रहा है. हमारी सामाजिक व्यवस्था ऐसी है जिसमें महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पातीं. जब वे अस्पताल पहुंचती हैं तो उनमें सर्वाइकल कैंसर तीसरे या चौथे स्टेज पर होता है. उन्हें बचाना मुश्किल हो जाता है. उनके पिता कहते थे कि महिलाएं परिवार का केंद्र होती हैं। महिला के निधन के बाद पति को तो दूसरी पत्नी मिल जाती है, लेकिन बच्चों को दूसरी मां नहीं मिलती.


9 से 14 की उम्र में लड़कियों को टीक
मूर्ति ने कहा कि "नौ से 14 वर्ष की आयु की लड़कियों को एक टीकाकरण दिया जाता है, जिसे सर्वाइकल टीकाकरण के रूप में जाना जाता है. अगर लड़कियां इसे लेती हैं, तो इससे (कैंसर) बचा जा सकता है. हमें अपनी लड़कियों के लाभ के लिए टीकाकरण को बढ़ावा देना चाहिए क्योंकि रोकथाम इलाज से बेहतर है." अपने पिता की बात का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जब एक माँ मर जाती है तो उसे अस्पताल में एक मौत के रूप में गिना जाता है, लेकिन परिवार के लिए, एक माँ हमेशा के लिए खो जाती है. 


सर्वाइकल टीकाकरण की मांग
मूर्ति ने कहा कि सरकार ने कोविड के दौरान बहुत बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाया था, ठीक उसी तरह 9-14 वर्ष की आयु वर्ग की लड़कियों को गर्भाशय ग्रीवा का टीका लगाना चाहिए.  मूर्ति ने कहा कि गर्भाशय ग्रीवा का टीका पश्चिम में विकसित किया गया है और पिछले 20 सालों से उपयोग किया जा रहा है.


टीके सस्ते करने की मांग
सुधा मूर्ति ने बताया कि यह टीका इस बीमारी में बहुत अच्छा काम करता है. यह महंगा नहीं है. अभी इसकी कीमत 1400 रुपये है लेकिन अगर इसमें सरकार हस्तक्षेप करती है और बातचीत करती है तो इसे 700-800 रुपये तक ला सकते हैं.


घरेलू पर्यटन को मिले बढ़ावा
मूर्ति ने अपनी पहली स्‍पीच में घरेलू पर्यटन पर बात कही. उनका कहना था कि 57 घरेलू पर्यटक स्थल हैं, जिन्हें विश्व धरोहर स्थल माना जाना चाहिए. इनमें कर्नाटक के श्रवणबेला गोला में बाहुबली की मूर्ति, लिंगराज मंदिर, त्रिपुरा में उनाकोटि की नक्काशी, महाराष्ट्र में शिवाजी किले, मितावली में चौसठ योगिनी मंदिर, गुजरात में लोथल और गोल गुम्बद आदि शामिल हैं.


मूर्ति ने कहा, "भारत में हमारे पास 42 विश्व धरोहर स्थल हैं, लेकिन 57 अभी प्रकिया में हैं.  हमें उन 57 स्थलों के बारे में चिंता करनी चाहिए." उन्होंने कहा कि श्रीरंगम में मंदिर अद्भुत हैं. "कश्मीर में खूबसूरत मुगल उद्यान हैं. हम हमेशा फिल्म शूटिंग देखने जाते हैं, लेकिन हमें कभी एहसास नहीं होता कि वे विश्व धरोहर स्थलों में नहीं हैं.


सस्ते पैकेज बनाए जाए
मूर्ति ने कहा कि पर्यटन पैकेज बहुत अच्छे से बनाया जाना चाहिए ताकि लोग आकर उन्हें देख सकें. पैकेज में लोगों की सुविधाएं हो, जिसमें अच्छे शौचालय और सड़कें हों ताकि पर्यटक आ सकें. इससे हमारे अपने देश में हमारा राजस्व बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि सारनाथ के पुराने स्मारकों का एक समूह, जो 2500 साल पुराना है, अभी भी विश्व धरोहर स्थलों में शामिल नहीं है.


इन दो मुख्य मुद्दों पर बात करने के बाद लास्ट में मूर्ति ने कहा कि भले उम्र 74 साल है, लेकिन राज्यसभा के तौर पर हम खूब अच्छे से काम करेंगे. लास्ट में एक श्लोक भी पढ़ा- 


कायेन वाचा मनसेन्द्रियैर्वा,
बुद्ध्यात्मना वा प्रकृतिस्वभावात् .
करोमि यद्यत्सकलं परस्मै,
नारायणयेति समर्पयामि.


अंतिम में जय हिंद, जय भारत की बात कहकर सुधा मर्ति ने अपनी बात समाप्त की.