Chief Justice DY Chandrachud Lifestyle: देश के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड सुप्रीम कोर्ट में अपनी गंभीरता और कानून का सख्ती से पालन के लिए जाने जाते हैं. लेकिन निजी जिंदगी में वे भी कई बार 'चीटिंग' कर जाते हैं. इसका राज उन्होंने खुद उजागर किया है. एक मीडिया समूह से बात करते हुए उन्होंने न केवल अपनी लाइफस्टाइल, भोजनशैली और डेली रूटीन से पर्दा उठाया बल्कि कई ऐसी बातें भी जाहिर कर दीं, जिनके बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते हैं. 


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'पिछले 25 साल से सोमवार का व्रत' 


इंटरव्यू में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड से पूछा गया कि आप खाते क्या हैं. कई लोग कहते हैं कि आप रामदाना खाते हैं तो कई कहते हैं कि आप साबूदाना खाते हैं. इस पर चीफ जस्टिस ने उन्हें टोकते हुए कहा, 'मैं रामदाना खाता हूं, साबूदाना नहीं. हमारे यहां व्रत के दिन साबूदाने की खिचड़ी बनती है लेकिन मैं रामदाना खाता हूं. पिछले 25 साल से मैं सोमवार का व्रत रखता हूं और उस दिन रामदाना ही खाता हूं. हमारे महाराष्ट्र में इसे अमृत माना जाता है. यह बेहद हल्का भोजन है, जो आसानी से पच जाता है.' 


'चीट डेज वाले दिन खाता हूं आइसक्रीम'


जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने अपने जिंदगी का बड़ा राज उजागर करते हुए कहा, 'वैसे तो मैं रोजाना सख्त भोजनशैली का पालन करता हूं लेकिन बीच में कुछ चीट डेज भी आ जाते हैं, जब मैं अपनी शाकाहारी डाइट के सख्त नियमों को तोड़ देता हूं. उस दौरान मैं आइसक्रीम खाता हूं.' 


'सुबह 3.30 बजे से शुरू हो जाती दिनचर्या'


सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा, 'मैं सुबह 3.30 बजे उठता हूं. उस वक्त ऐसा मौसम होता है, जब वातावरण पूरी तरह शांत होता है. उस समय मैं चिंतन-मनन करता हूं. शांत चित्त होकर थोड़ी देर योग करता हूं. ऐसा में मैं पिछले 25 साल से योग कर रहा हूं. मैं और मेरी बेस्ट फ्रेंड, जो कि मेरी पत्नी कल्पना है. हम आयुर्वेदिक डाइट का पालन करते हैं. योग, आयुर्वेदिक फूड, फिटनेस पर ध्यान देने से तन और मन दोनों को ऊर्जा मिलती है.' 


'लोकल कोर्टों को कर रहे मजबूत'


अपने मिशन के बारे में बात करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा, 'हमारा मिशन लोगों के लिए खड़ा होना है. इसके लिए हमारी अदालतों के दरवाजे हमेशा उनके लिए खुले हैं. इसके लिए हम अपनी लोकल जुडिशरी को मजबूत कर रहे हैं क्योंकि आम आदमी का उसी से सबसे ज्यादा वास्ता पड़ता है. ऐसा करके हम लोगों तक सस्ते-सुलभ न्याय प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं. जिससे लोगों को वहीं से न्याय मिल जाए.'