Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. यह जुर्माना सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (Armed Forces Tribunal) के एक आदेश के खिलाफ अपील दायर करने पर लगाया गया. ट्रिब्यूनल ने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद रोधी गश्त के दौरान शहीद हुए सैनिक की विधवा को 'उदारीकृत पारिवारिक पेंशन' (LFP) देने का आदेश दिया था. जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि शहीद सैनिक की पत्नी को अदालत में नहीं घसीटा जाना चाहिए था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

SC की बेंच ने कहा, 'हमारे विचार में, इस तरह के मामले में प्रतिवादी को इस न्यायालय में नहीं घसीटा जाना चाहिए था, और अपीलकर्ताओं के निर्णय लेने वाले प्राधिकार को सेवाकाल के दौरान मारे गए एक सैनिक की विधवा के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए थी. इसलिए, हम 50,000 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव करते हैं, जो प्रतिवादी को देय होगा.'


2013 से अब तक की सारी रकम देनी होगी


केंद्र को मंगलवार से शुरू होने वाले दो महीनों के भीतर विधवा को इस राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है. शीर्ष अदालत केंद्र द्वारा न्यायाधिकरण के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें निर्देश दिया गया था कि शहीद सैनिक की पत्नी को जनवरी 2013 से उदारीकृत पारिवारिक पेंशन (LFP) के साथ-साथ बकाया राशि का भुगतान किया जाए.


यह भी पढ़ें: SC के सामने ऐसा क्या मामला आया, सीजेआई खन्ना को कहना पड़ा- मैं सुनवाई नहीं कर सकता


खराब मौसम में गश्त करने समय सैनिक को पड़ा था दिल का दौरा


यह मामला नायक इंद्रजीत सिंह से संबंधित है, जिन्हें जनवरी 2013 में खराब मौसम की स्थिति में गश्त के दौरान दिल का दौरा पड़ा था. उनकी मृत्यु को शुरू में 'युद्ध दुर्घटना' के रूप में वर्गीकृत किया गया था, लेकिन बाद में इसे सैन्य सेवा के कारण 'शारीरिक दुर्घटना' के रूप में वर्गीकृत किया गया.


यह भी पढ़ें: भारत इतना कमजोर नहीं कि महज एक प्रदर्शन से इसकी शांति भंग हो जाए, दिल्ली HC ने कहा


सिंह की पत्नी को विशेष पारिवारिक पेंशन सहित सभी अन्य लाभ प्रदान किए गए, लेकिन जब उन्हें एलएफपी से वंचित किया गया, तो उन्होंने सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के समक्ष याचिका दायर की. न्यायाधिकरण ने उनके आवेदन को स्वीकार कर लिया और एलएफपी तथा युद्ध में मारे गए सैनिकों के मामले में देय अनुग्रह राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया. (भाषा)


तमाम खबरों पर नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Hindi News Today और पाएं Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी. देश-दुनिया की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और रहें अपडेटेड!