Supreme Court Lok Adalat: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक दुर्लभ नजारा दिखा. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के साथ बेंच पर सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल बैठे. यह पहली बार था जब सिब्बल बेंच की ओर थे, बार की तरफ नहीं. मौका था सुप्रीम कोर्ट में लगी विशेष लोक अदालत का. यहां मीडिया के कैमरों को भी इजाजत दी गई थी. लोक अदालत में सीजेआई और सिब्बल के साथ जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस मनोज मिश्रा और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन नायर भी मौजूद रहे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बेंच पर बैठने के बाद क्या बोले कपिल सिब्बल?


सिब्बल ने बाद में एक टीवी न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, 'पहली बार मैं बार की तरफ नहीं बल्कि बेंच की तरफ बैठा हूं. यह सौभाग्य की बात है कि इस तरह जजों के साथ बेंच साझा करने का मौका मिला.' सिब्बल ने बताया कि जब सुप्रीम कोर्ट ने लाइव स्ट्रीमिंग शुरू की थी, तो महाराष्ट्र मामले में बहस शुरू करने वाले वे पहले व्यक्ति थे. उन्होंने कहा कि लोक अदालत स्थापित करने का कदम सुप्रीम कोर्ट का एक बड़ा कदम है.


सुप्रीम कोर्ट में लोक अदालत: सीजेआई चंद्रचूड़ (बीच में) संग कपिल सिब्बल (सबसे बाईं ओर).

सुप्रीम कोर्ट में लोक अदालत क्यों?


सुप्रीम कोर्ट की स्थापना के 75 वर्ष का जश्न मनाते हुए विशेष लोक अदालत सप्ताह भर आयोजित की जाएंगी. ये उन मामलों को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने के उद्देश्य से शुरू की गई है, जिनमें समझौते की गुंजाइश है. लोक अदालत में मामलों की सुनवाई 29 जुलाई से 2 अगस्त के बीच होगी. यह अदालतें सुप्रीम कोर्ट के के कामकाज के बाद दोपहर 2 बजे से लगेंगी.


यह भी पढ़ें: नरक भोग रहे हम... CJI चंद्रचूड़ को चिट्ठी लिख बताया दिल्ली के कोचिंग सेंटर्स का हाल


सीजेआई ने सोमवार को मुकदमों की सुनवाई शुरू होने पर कहा, 'आज से शुक्रवार तक, हम उच्चतम न्यायालय की लोक अदालत लगाएंगे और पहली सात पीठ मुकदमों पर सुनवाई करेंगी. अगर वकीलों के पास ऐसे मामले हैं, जिनपर लोक अदालत में सुनवाई की जा सकती है, तो कृपया उन्हें लाइए.' सीजेआई ने पहले नागरिकों से आग्रह किया था कि अगर उनके मामले शीर्ष अदालत में लंबित हैं, तो वे अपने विवादों का सौहार्दपूर्ण और तेजी से निपटारा करने के लिए विशेष लोक अदालत में भाग लें.



उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि न्यायालय के प्रति समर्पित न्यायाधीश बड़े पैमाने पर मामले लंबित होने को लेकर चिंतित हैं. सीजेआई ने कहा, 'अपने सभी सहयोगियों और उच्चतम न्यायालय के कर्मचारियों की ओर से, मैं उन सभी नागरिकों या वकीलों से अपील करूंगा, जिनके मुकदमे उच्चतम न्यायालय में लंबित हैं कि वे अपने मुकदमों का तेजी से निपटारा करने की कवायद के तहत इस अवसर का फायदा उठाएं.' (एजेंसी इनपुट्स)