NCR में फ्लैट बुक किया था, बिल्डर ने EMI नहीं भरी, अब धमका रहे बैंक? सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत
Supreme Court On NCR Flats: अनुदान योजना के तहत, NCR में फ्लैट बुक करने वालों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. ईएमआई न चुकाने या चेक बाउंस के मामलों में बैंक या बिल्डर उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं कर सकेंगे.
Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में सबवेंशन स्कीम (अनुदान योजना) के तहत फ्लैट बुक करने वालों को राहत दी है. जिन्हें NCR के विभिन्न प्रोजेक्ट्स में फ्लैट का पजेशन नहीं मिला है, उनके खिलाफ प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जा सकेगी. कई मामलों में, डेवलपर्स ने फ्लैट का पजेशन देने में बहुत देर कर दी है. SC ने कहा कि बैंक या बिल्डर ऐसे किसी भी फ्लैट मालिक के खिलाफ EMI के भुगतान को लेकर कार्रवाई नहीं कर सकेंगे. उनके खिलाफ चेक बाउंस की शिकायतों पर भी कोई सुनवाई नहीं होगी.
अनुदान योजना के तहत, बैंक सीधे बिल्डर्स के खातों में स्वीकृत रकम जमा करते हैं. फिर बिल्डर्स तब तक उस लोन की EMI चुकाते हैं जब तक कि मालिक को फ्लैट का पजेशन नहीं मिल जाता. जब बिल्डरों ने बैंकों को EMI का भुगतान करने में आनाकानी शुरू कर दी तो लोन डिफॉल्ट हो गया. बैंकों ने रकम वसूलने के लिए खरीदारों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी.
'बैंकों ने बिल्डर को कर्ज तो दे दिया, लेकिन उसे कंस्ट्रक्शन से नहीं जोड़ा'
बैंकों की कार्रवाई से परेशान होकर, बड़ी संख्या में घर खरीदारों ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था. 2023 में, HC ने यह कहते हुए राहत देने से मना कर दिया कि उनके पास वैकल्पिक उपचार उपलब्ध थे. आखिरकार, फ्लैट मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई जहां से उन्हें अंतरिम सुरक्षा मिल गई. घर खरीदारों पर चेक बाउंस के मुकदमों की तलवार लटक रही थी.
हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए, घर खरीदारों ने कहा कि वे बैंक द्वारा सीधे बिल्डर के खाते में कर्ज के अवैध वितरण के शिकार हैं जो कि भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है. याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि बैंकों ने कर्ज को निर्माण के चरणों से जोड़े बिना सीधे बिल्डर को रकम जारी कर दी. यह RBI सर्कुलर्स के साथ-साथ नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) की गाइडलाइंस का भी उल्लंघन है.
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सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने सोमवार को कहा कि जब तक मामला लंबित है, ऐसे घर खरीदारों के खिलाफ चेक बाउंस की कोई शिकायत स्वीकार नहीं की जाएगी. SC के आदेश में कहा गया है, 'इस बीच, सभी मामलों में अंतरिम रोक रहेगी, जिसके तहत बैंकों/वित्तीय संस्थानों या बिल्डरों/डेवलपर्स की ओर से घर खरीदने वालों के खिलाफ नेगोशिएबल इंस्ट्रुमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत शिकायत सहित कोई भी बलपूर्वक कार्रवाई नहीं की जाएगी.' सुप्रीम कोर्ट ने सभी घर खरीदने वालों को संरक्षण प्रदान किया है.