TTZ: Supreme Court से 5 साल बाद मिली आंधी में गिरे पेड़ हटाने की इजाजत
Supreme Court ने ताज ट्रेपेजियम जोन (TTZ) के अंतर्गत आने वाले शहर आगरा में 2015, 2018 में तूफानों के दौरान गिरे 702 पेड़ों को हटाने की इजाजत दी है. मामला 5 साल तक अदालत में रहा.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को आगरा (Agra) जिले में विभिन्न स्थानों पर मई 2015 और अप्रैल 2018 में आंधी तूफान की वजह से गिर गये 702 पेड़ों को हटाने की इजाजत दे दी है. यह जिला ताज ट्रेपेजियम जोन (TTZ) में आता है, जिस वजह से पेड़ हटाने के लिए जिला प्रशासन को लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी.
ताज ट्रेपेजियम जोन (TTZ) उत्तर प्रदेश के आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस और एटा जिलों तथा राजस्थान के भरतपुर जिले में करीब 10,400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है. चीफ जस्टिस (Chief Justice) एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ को उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) की तरफ से अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल एश्वर्या भाटी ने बताया कि ये 702 पेड़ तूफान में गिर गये थे या उखड़ गये थे और अधिकारी सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बिना इन्हें हटा नहीं सकते.
यह भी पढ़ें; अंडे से निकलने से पहले ही मुर्गी में बदल जाएंगे मुर्गे, जानिए क्या है ये खास तकनीक
पीठ में न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम भी थे. पीठ ने कहा, ‘इस बात को लेकर कोई विवाद नहीं है कि जो पेड़ उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आगरा (Agra) जिले में 11 अप्रैल 2018 तथा दो मई 2015 को तेज आंधी और तूफान की वजह से गिर गये, उन्हें हटाने की जरूरत है.’
LIVE TV