Supreme Court Pollution: एयर पॉल्यूशन को लेकर दिल्ली में हाहाकार मचा हुआ है. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई हुई, जिसमें सबसे बड़ी अदालत ने दिल्ली पुलिस के रवैये पर सवाल खड़ा किया. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस ट्रकों की एंट्री पर बैन को लागू नहीं कर पाई. ट्रक दिल्ली की सीमा में घुसे और वापस नहीं गए. पुलिस चेकपोस्ट पर मौजूद ही नहीं थी. इस पर सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा, '13 एंट्री पॉइंटस से ही ज्यादातर ट्रकों ने एंट्री की है'. कोर्ट ने कहा, 'इन 13 पॉइंट्स पर भी पुलिस नहीं थी. कोर्ट के आदेश के बाद वहां पुलिस तैनात हुई है.' 


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खुले रहेंगे स्कूल लेकिन ग्रैप-4 रहेगा लागू


कोर्ट ने कहा, 'अभी सोमवार यानी 2 दिसंबर तक ग्रैप-4 लागू रहेगा. सिर्फ स्कूलों के खुलने की इजाज़त होगी. कमीशन इस दरमियान मीटिंग करके सुझाव देगा कि कैसे ग्रैप-4 से ग्रैप-3 या 2 पर लौटा जा सकता है. कोर्ट ने आगे कहा कि अगर आगे चलकर ग्रैप-4 से कम की स्टेज लागू होती है तो भी जरूरी नहीं कि सभी ग्रैप-4 की पाबंदियों को हटाया जाए.'


सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण पर जताई चिंता


जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर्स की दूसरी रिपोर्ट में ग्रैप-4 को लागू करने में अधिकारियों की नाकामी सामने आई है. जजों ने पंजाब की उस मीडिया रिपोर्ट पर भी संज्ञान लिया, जिसमें एक लैंड रिकॉर्ड अफसर और संगरूर ब्लॉक पटवारी यूनियन प्रेसिडेंट कथित रूप से किसानों को यह सलाह दे रहा है कि वे 4 बजे के बाद पराली जलाएं ताकि वह सैटेलाइट की नजरों में ना आए.


पंजाब को दिया निर्देश जारी करने का फरमान


कोर्ट ने कहा, 'अगर ये खबर सही है तो यह बेहद गंभीर मसला है. पंजाब सरकार के अधिकारी किसी भी किसान को इस तथ्य का फायदा उठाने नहीं दे सकते कि मौजूदा गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है, जो दिन के कुछ घंटों में होती हैं. पंजाब सरकार को तुरंत सभी अधिकारियों को निर्देश जारी कर ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होने का आदेश देना चाहिए."


ग्रैप-4 के तहत गैर-जरूरी वाहनों को राजधानी दिल्ली में एंट्री नहीं दी जाती. इसे साल 2017 में लागू किया गया था ताकि दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण की समस्या से सख्ती से निपटा जा सके.