नई दिल्ली: मुंबई (Mumbai) में समुद्र के किनारे 14 हज़ार करोड़ की कोस्टल रोड परियोजना (coastal road project) पर बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) द्वारा लगाई गई रोक को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हटा दिया है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के 19 जुलाई के आदेश पर रोक लगाते हुए परियोजना को ग्रीन सिग्नल दे दिया. कोर्ट ने कहा मुंबई के यातायात के लिए योजना बहुत जरूरी है.


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बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि एनवायरनमेंटल इंपैक्ट असेसमेंट नोटिफिकेशन के तहत एनवायरनमेंटल क्लीयरेंस के बिना कंस्ट्रक्शन नहीं किया जा सकता. साथ ही वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत भी मंजूरी लेना जरूरी है.


क्या है कोस्टल रोड परियोजना
कोस्टल रोड नरीमन प्वाइंट के पास प्रिंस स्ट्रीट फ्लाइओवर से लेकर कांदिवली तक समुद्र के किनारे को पाटकर (रीक्लेम) कर सड़क बनाने की योजना है. ताकि दक्षिण मुंबई के बिजनेस डिस्ट्रिक्ट नरीमन प्वाइंट को मलाड, कांदिवली, बोरीवली जैसे सबअर्बन इलाकों से सीधा सड़क मार्ग से जोड़ा जा सके.


अभी वेस्टर्न एक्सप्रेसवे के जरिए नरीमन प्वाइंट से कांदिवली, बोरीवली जैसे इलाके जुड़ते हैं. लेकिन ऑफिस से आने और जाने के समय पीक टाइम पर भारी ट्रैफिक रहता है. इस दूरी को अभी तय करने में 2 घंटे से भी ज्यादा का वक्त लग जाता है. लेकिन दावा है कि कोस्टल रोड प्रोजेक्ट बन जाने पर इस दूरी को तकरीबन आधे घंटे में तय किया जा सकेगा. 


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