सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद संजय राउत ने दिया बयान, मनोज तिवारी का शिवसेना को जवाब
मनोज तिवारी ने कहा कि आज उन लोगों की पराजय हुई है जो सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की हत्या का सच छुपाना चाहते थे. मैं सुशांत के परिवार से मिला था. परिवार का उसी समय मन था कि इसकी उच्च स्तरीय जांच हो और न्याय हो ताकि सच्चाई सबको पता चले.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की रहस्यमयी तरीके से हुई मौत के मामले की जांच सीबीआई (CBI) को सौंपे जाने पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि आज इस फैसले से बहुत सुकून मिला है.
मनोज तिवारी ने कहा, 'आज उन लोगों की पराजय हुई है जो सुशांत की हत्या का सच छुपाना चाहते थे. आज न्याय की जीत हुई है. मैं सुशांत के परिवार से मिला था. परिवार का उसी समय मन था कि इसकी उच्च स्तरीय जांच हो और न्याय हो ताकि सच्चाई सबको पता चले.'
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने शिवसेना के राज्यसभा सांसद के बयान पर जवाब देते हुए कहा कि संजय राउत इस्तीफे की बात क्यों कर रहे हैं जबकि इस्तीफे की बात नहीं है. हां सुशांत सिंह राजपूत की मौत का सच सामने आने का सवाल है.
उन्होंने कहा कि आज का दिन बहुत सुकून देने वाला है. मैं समझता हूं कि इस देश में हम बहुत समय से सुनते आ रहे हैं कि अगर सरकार चाहती है तो सत्य छुपा लिया जाता है. सरकार जिसे चाहती है उसे ही बरी कर दिया जाता है. लेकिन आज के फैसले से बहुत सुकून मिला है.
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दरअसल सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुशांत केस को CBI को सौंपे जाने के बाद शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कहा कि सुशांत केस की जांच मुंबई पुलिस ने सही से की थी. महाराष्ट्र में कानून सबसे ऊपर है. प्रदेश में सत्य और न्याय की जीत हमेशा होती रही है. जो आरोप लगाए गए वो सही नहीं हैं. बीजेपी की तरफ से गृह मंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा मांगा गया. मैं उनसे कहना चाहता हूं कि अगर इस्तीफे की बात निकलेगी तो वो दिल्ली तक जाएगी. सोच समझकर लोगों को टिप्पणी करनी चाहिए.
बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के दावे को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा कि मुंबई पुलिस सारे सबूत सीबीआई को आगे की जांच के लिए सौंप दे. बिहार पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का अधिकार था. पटना में दर्ज हुई एफआईआर सही थी. बिहार पुलिस को भी मामले की जांच करने का अधिकार था. मुंबई पुलिस ने सुशांत की मौत को लेकर दुर्घटना के पहलू तक जांच की जबकि बिहार पुलिस ने सभी पहलुओं को लेकर एफआईआर दर्ज की थी. बिहार सरकार को CBI जांच की सिफारिश करने का अधिकार था.