नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपनी उस टिप्पणी को लेकर ट्विटर पर माफी मांगी, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के जनकपुर के अपने हालिया दौरे पर लाखों 'भारतीयों' को संबोधित किया. नेपाल के एक सांसद समेत ट्विटर के अन्य यूजर्स द्वारा जब उन्हें ध्यान दिलाया गया कि जनकपुर में उन्होंने नेपाली लोगों को संबोधित किया था न कि भारतीयों को, इसके बाद सुषमा ने ट्वीट कर माफी मांगी. 


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उन्होंने ट्वीट किया, 'यह मेरी तरफ से हुई गलती थी. मैं पूरी गंभीरता से इसके लिए माफी मांगती हूं.' सुषमा ने राजग सरकार की चौथी वर्षगांठ के मौके पर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी से पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने इतने बड़े स्तर पर भारतीय प्रवासियों तक पहुंचने का प्रयास नहीं किया.



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सुषमा ने कहा हम डोकलाम पर विफल नहीं हुए
इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एनडीए सरकार की विदेश नीति को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं को आज सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस के शासन के दौरान विदेश मंत्रालय कुछ संभ्रांत लोगों का मंत्रालय हुआ करता था, जबकि पिछले चार साल में यह आम लोगों का मंत्रालय बन गया है. 


भारत के हर वक्त के सहयोगी रूस की पाकिस्तान से नजदीकी बढ़ने और डोकलाम में चीन के निर्माण कार्य करने के मुद्दे से निपटने में सरकार के विफल होने के विपक्ष के आरोपों को सुषमा ने खारिज कर दिया.


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'चार साल में विदेश मंत्रालय तक आम लोगों की पहुंच बढ़ी'
सुषमा ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि कांग्रेस शासन में विदेश मंत्रालय संभ्रांत लोगों का मंत्रालय हुआ करता था और पिछले चार साल में आम लोग भी इससे जुड़े हैं.


उन्होंने कहा, ‘हमने विदेश नीति में लोगों को जोड़ने की दिशा में काम किया है. असंवेदनशील लोग इसका मजाक उड़ा सकते हैं. उन लोगों से पूछिए जो विदेशों में फंसे हुए हैं. उन्हें (कांग्रेस को) यह बात तब समझ में आएगी, जब उनका कोई अपना वहां फंस जाएगा.’


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सुषमा ने कहा कि राजग सरकार ने विदेश मंत्रालय को आम लोगों को केंद्र में रखकर काम करने वाला मंत्रालय बनाया है. 


डोकलाम के संबंध में उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने राजनयिक उपायों और बातचीत के जरिये डोकलाम विवाद को सुलझाने के लिए भारत की प्रशंसा की है.