Swami Prasad Maurya FIR SC Hearing Today: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को सुप्रीम कोर्ट (SC) से बड़ी राहत मिली है. स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) रामचरितमानस पर आपत्तिजनक बयान (Ramcharitmanas Controversy) देने के मामले में मुकदमा झेल रहे थे. सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ यूपी के प्रतापगढ़ में चल रही आपराधिक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. स्वामी प्रसाद मौर्य की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है. सुनवाई के दौरान जस्टिस संदीप मेहता ने कहा कि रामचरितमानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य की ये अपनी राय हो सकती है. इसे कैसे अपराध माना जा सकता है.


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स्वामी प्रसाद मौर्य को मिली राहत


बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके मांग की थी कि रामचरितमानस के खिलाफ विवादित टिप्पणी के मामले में उनके खिलाफ दर्ज FIR को रद्द किया जाए. हालांकि, स्वामी प्रसाद मौर्य जब यही अर्जी लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट गए थे तो उन्हें राहत नहीं मिली थी. हाईकोर्ट ने स्वामी प्रसाद मौर्य की याचिका को खारिज कर दिया था.


स्वामी प्रसाद मौर्य पर क्यों दर्ज हुई FIR?


गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले कुछ महीने में रामचरितमानस पर कई बयान दिए थे. जिसे बीजेपी और तमाम हिंदू संगठनों के लोगों ने विवादित बताया था. दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस की एक चौपाई को लेकर सवाल उठाए थे. उसको महिला और दलित विरोधी बताया था. उन्होंने रामचरितमानस को बैन करने की मांग की थी. जिसके बाद विवाद हुआ था और स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी.


स्वामी प्रसाद मौर्य विवादों में क्यों फंसे?


जान लें कि स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों पर बीजेपी और कई हिंदू संगठन हमलावर हो गए थे. उनका कहना था कि रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य के कथित विवादित बयान से हिंदू धर्म की भावनाएं आहत हुई हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य जानबूझकर बार-बार ऐसे विवादित बयान दे रहे हैं. इसी को देखते हुए उनके खिलाफ FIR की मांग की गई थी.