MK Stalin made son Udhayanidhi Deputy CM News: तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने अपनी सरकार में बेटे उदयनिधि स्टालिन को डिप्टी सीएम बनाया है. उनके साथ ही डीएमके विधायक वी सेंथिल बालाजी, आर राजेंद्रन, एसएम नासर और गोवी चेझियान को मंत्री बनाया गया है. इनमें वी सेंथिल बालाजी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हाल में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा हुए हैं. रविवार को पांचों मंत्रियों को राजभवन में हुए सादे समारोह में राज्यपाल आरएन रवि ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. रिपोर्ट के मुताबिक उदयनिधि स्टालिन पहले ही अपने पिता की सरकार में मंत्री हैं. अब डिप्टी सीएम बनने के बाद वे अपने मौजूदा विभागों के साथ ही योजना और विकास विभाग का जिम्मा भी संभालेंगे. 


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उदयनिधि को डिप्टी सीएम बनाने से भड़की बीजेपी


उदयनिधि स्टालिन को राज्य का डिप्टी सीएम बनाए जाने पर बीजेपी भड़क गई है. उसने इसे दक्षिण भारत में वंशवाद का एक और उदाहरण बताते हुए कड़ी आलोचना की है. राज्य में बीजेपी के प्रवक्ता एएनएस प्रसाद ने राज्य में सत्तारूढ़ द्रमुक सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी का इतिहास लोगों के साथ वर्षों के विश्वासघात और सार्वजनिक कल्याण पर पारिवारिक हितों को प्राथमिकता देने का रहा है. उसने एक बार फिर इसी परिपाटी को निभाया है. यह जनता के भरोसे के साथ बड़ा धोखा है. 


पारिवारिक मुनाफे के लिए चलाई जा रही पार्टी


बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी उदयनिधि को डिप्टी सीएम बनाए जाने की निंदा की है. पूनावाला ने कहा कि तमिलनाडु में पिता एमके स्टालिन राज्य के सीएम हैं और अब उन्होंने अपने बेटे उदयनिधि स्टालिन को डिप्टी सीएम बना दिया है. उन्होंने कहा कि डीएमके जैसे राजनीतिक दल परिवार के लिए, परिवार के लिए और परिवार द्वारा हैं. उनका पूरा फोकस नेशन फर्स्ट के बजाय फैमिली फर्स्ट पर रहता है. वे कोई राजनीतिक दल नहीं बल्कि एक प्राइवेट लिमिटेड (प्राइवेट लिमिटेड) पारिवारिक कंपनी हैं, जो एक खास परिवार की ओर से फैमिली के मुनाफे के लिए चलाई जा रही हैं. 



तमिल मनीला कांग्रेस ने भी दिखाया आईना


राज्य की तमिल मनीला कांग्रेस (टीएमसी (एम) ने भी उदयनिधि की तमिलनाडु के डिप्टी सीएम के रूप में नियुक्त करने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी के प्रवक्ता एएस मुनव्वर बाशा ने कहा, मैं उदयनिधि स्टालिन को आज तमिलनाडु के डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेने पर बधाई देता हूं. लेकिन यह एक लोकतांत्रिक देश है, राजा-शासित देश नहीं. केवल राजा-शासित देश में ही पिता राजा बनता है और उसके बाद गद्दी बेटे को मिल जाती है. डीएमके में बहुत सारे वरिष्ठ नेता हैं, जो उदयनिधि से भी कहीं ज्यादा सीनियर हैं. डिप्टी सीएम पद के लिए उनके नाम पर विचार हो सकता था लेकिन उनके नाम पर कोई विचार नहीं किया गया.



पिता सीएम, बेटा डिप्टी सीएम का तीसरा मामला


बताते चलें कि देश में पिता सीएम और बेटे को डिप्टी सीएम बनाने का यह अब तक का तीसरा उदाहरण है. उदयनिधि से पहले उनके पिता एमके स्टालिन को भी इसी तरह 2009 से 11 तक राज्य की डीएमके सरकार में डिप्टी सीएम बनाया गया था. जबकि राज्य के सीएम एमके स्टालिन के पिता करुणानिधि थे. इस तरह का दूसरा वाकया पंजाब राज्य में सामने आया था, जब राज्य में अकाली दल बादल नेता और राज्य के सीएम प्रकाश सिंह बादल की सरकार थी. उन्होंने 2012 में जीत के बाद उन्होंने अपने बेटे और पार्टी विधायक सुखबीर सिंह बादल को राज्य का डिप्टी सीएम बना दिया था.