कमल हासन के `हिंदू आतंकवादी` वाले बयान पर तमिलनाडु के मंत्री बोले, `काट दो जुबान`
केटी राजेंद्र बालाजी ने कहा कि हम एक व्यक्ति के क्रियाकलाप से पूरे समाज को दोषी नहीं ठहरा सकते हैं. उन्होंने कहा कि कमल हासन ने यह टिप्पणी अल्पसंख्यकों का वोट पाने के लिए की है.
नई दिल्ली: मक्कल नीधि मैयम (एमएनएम) के संस्थापक कमल हासन (Kamal Haasan) ने यह कहकर नया विवाद खड़ा कर दिया है कि आजाद भारत का पहला आतंकवादी ''हिंदू'' था. वह महात्मा गांधी की हत्या करने वाले, नाथूराम गोडसे के संदर्भ में बात कर रहे थे. उनके इस बयान से राजनीतिक गलियारों में भी हलचल पैदा हो गई है. इसी क्रम में तमिलनाडु के मंत्री केटी राजेंद्र बालाजी (KT Rajendra Balaji) ने सोमवार को कहा कि कमल हासन ने यह बयान अल्पसंख्यकों के वोट पाने के लिए दिया है. बालाजी इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि हासन के इस बयान के लिए उनके जुबान काट लेनी चाहिए.
केटी राजेंद्र बालाजी ने कहा कि हिंदू आतंकवाद को लेकर की गई टिप्पणी के लिए कमल हासन की जुबान काट लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हम एक व्यक्ति के क्रियाकलाप से पूरे समाज को दोषी नहीं ठहरा सकते हैं. उन्होंने कहा कि कमल हासन ने यह टिप्पणी अल्पसंख्यकों का वोट पाने के लिए की है. चुनाव आयोग को अभिनेता के ऊपर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और उनकी पार्टी पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए.
दरअसल, कमल हासन ने रविवार की रात एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि वह एक ऐसे स्वाभिमानी भारतीय हैं जो समानता वाला भारत चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसा इसलिए नहीं बोल रहा हूं कि यह मुसलमान बहुल इलाका है, बल्कि मैं यह बात गांधी की प्रतिमा के सामने बोल रहा हूं. आजाद भारत का पहला आतंकवादी हिन्दू था और उसका नाम नाथूराम गोडसे है. वहीं से इसकी (आतंकवाद) शुरुआत हुई.’’ महात्मा गांधी की 1948 में हुई हत्या का हवाला देते हुए हासन ने कहा कि वह उस हत्या का जवाब खोजने आये हैं.