दिल्ली में तमिलनाडु के किसानों ने साड़ी पहनकर किया विरोध-प्रदर्शन
दिल्ली में तमिलनाडु के किसानों ने शुक्रवार को साड़ी पहनकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कई किसानों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान साड़ियां पहनी हुई थी. किसानों का आरोप है कि आत्महत्या के बढ़ते मामलों के बावजूद सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही है. वो कर्ज माफी के साथ राहत पैकेज की भी मांग कर रहे हैं. उनका आरोप है कि उनकी मांग सुनी नहीं जा रही है.
नई दिल्ली: दिल्ली में तमिलनाडु के किसानों ने शुक्रवार को साड़ी पहनकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कई किसानों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान साड़ियां पहनी हुई थी. किसानों का आरोप है कि आत्महत्या के बढ़ते मामलों के बावजूद सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही है. वो कर्ज माफी के साथ राहत पैकेज की भी मांग कर रहे हैं. उनका आरोप है कि उनकी मांग सुनी नहीं जा रही है.
पिछले सोमवार को किया था न्यूड प्रदर्शन
पिछले सोमवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे तमिलनाडु के किसानों का प्रदर्शन अचानक उग्र हो गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात नहीं होने से नाराज किसानों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री आवास के पास कपड़े उतारकर दौड़ लगाई थी. किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि दिल्ली के डीसीपी उन्हें प्रधानमंत्री ऑफिस ले गए थे और वादा किया था कि नरेंद्र मोदी उनसे मुलाकात करेंगे लेकिन किसान पीएमओ पहुंचे तो उनसे कहा गया कि वो अपनी पेटिशन एक अधिकारी के देकर यहां से चले जाएं.
इन किसानों ने पहले भी अपनाए है प्रदर्शन के अनोखे तरीके
जंतर-मंतर प्रदर्शन के दौरान इन किसानों ने नरमुंडों की माला तक पहनी थी. किसानों ने इन नरमुंडों के साथ ही धरना दिया था. धरना प्रदर्शन के दौरान किसानों ने मरे हुए सांपों को जीभ पर रखकर प्रदर्शन जैसे तरीके भी अपनाए हैं. पिछले मंगलवार मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के बावज़ूद भी किसानों ने अपने अनशन ख़त्म करने से इनकार कर दिया है. मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा था कि सभी सहकारी बैंक कृषि लोन माफ़ करें. पर इन किसानों की मांग इतनी नहीं है. ये चाहते हैं कि राष्ट्रीयकृत बैंकों से लिया गया कर्ज़ भी माफ़ होना चाहिए. साथ ही केंद्र सरकार द्वारा कावेरी प्रबंधन बोर्ड का गठन हो जिससे पानी की समस्या सुलझाई जा सके और किसानों को राहत मिले.
क्या है किसानों की मांग
तमिलनाडु के किसान इन दिनों भयंकर सूखे का सामना कर रहे हैं. दक्षिण-पश्चिमी मानसून और पूर्वोत्तर मानसून सामान्य से 60 फीसदी बरसा है. ऐसे में कर्ज का बोझ उनकी जिंदगी को और कठिन बना रहा है. किसानों का आरोप है कि आत्महत्या के बढ़ते मामलों के बावजूद सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही है. वो कर्ज माफी के साथ राहत पैकेज की भी मांग कर रहे हैं. दूसरी ओर, मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को किसानों का कर्ज माफ करने का निर्देश दिया है.
किसानों की खुदकुशी मामले में याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु को नोटिस जारी किया
उच्चतम न्यायालय ने किसानों की खुदकुशी पर तमिलनाडु को आड़े हाथ लिया और कहा कि वह गरीबी झेल रहे किसानों को उनकी किस्मत के भरोसे नहीं छोड़ सकता. न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करके ‘तमिलनाडु सेंटर फार पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन’ द्वारा दायर याचिका पर दो हफ्तों में जवाब देने को कहा. पीठ ने इस मामले में उसकी मदद के लिए अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण को न्यायमित्र बनाया. अदालत ने राज्य सरकार से किसानों द्वारा झेली जा रही दिक्कतों पर गौर करने के लिए बेहतर उपायों पर विचार करने को कहा. पीठ ने सरकार से उसके समाने योजनाएं लाने तथा उपाय बताने को कहा.