नई दिल्ली : सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश को लेकर मचे बवाल के बीच त्रावणकोर देवासम बोर्ड (टीटीबी) के अध्यक्ष ए पदमकुमार ने कहा है कि हमने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने का फैसला किया है. बता दें सुप्रीम कोर्ट ने हाल के अपने फैसले में सबरीमला मंदिर में रजस्वला उम्र वाली 10-50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दी थी. इस आदेश के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. 


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इससे पहले केंद्र सरकार ने परामर्श जारी कर सबरीमला विवाद के मद्देनजर तीन दक्षिणी राज्यों केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक को सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के लिए कहा है. अपने परामर्श में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने इन तीन राज्यों को सोशल मीडिया और इंटरनेट सेवाओं के माध्यम से विभिन्न ‘प्रतिकूल’ संदेशों के प्रसार पर भी करीब से नजर रखने के लिए कहा है.



गृह मंत्रालय के आंतरिक सुरक्षा प्रभाग द्वारा भेजे गये इस परामर्श में कहा गया है,‘कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को बनाये रखने के लिए सभी आवश्यक एहतियाती कदम उठाये जाये और किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध किए जाए.’


परामर्श में कहा गया है कि उपयुक्त निषेधात्मक आदेश जारी किए जाए. इसमें कहा गया है कि विरोध कर रहे समूहों और कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि वे मंदिर के भीतर महिलाओं को प्रवेश नहीं करने देंगे. हिंदू संगठन शीर्ष न्यायालय के आदेश के खिलाफ विरोध कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहे है.


'कुछ संगठन राज्य-व्यापी विरोध कर रहे हैं' 
इसमें कहा गया है,‘इससे अलग, अयप्पा श्रद्धालु, हिंदू संगठन और कुछ जाति आधारित संगठन उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ राज्य-व्यापी विरोध कर रहे हैं. इन प्रदर्शनों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या 50 से 3000 तक है जिसमें महिलाओं की भी अच्छी खासी संख्या है.’



परामर्श में कहा गया है,‘हिंदू संगठनों ने पड़ोसी राज्यों तमिलनाडु और कर्नाटक में भी कुछ विरोध कार्यक्रम आयोजित किए है.’ सबरीमला में घंटों तक चले नाटकीय घटनाक्रम और तनाव के बीच दो महिलाएं शुक्रवार को पहाड़ी की चोटी पर पहुंची, लेकिन भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं के व्यापक प्रदर्शन के चलते उन्हें मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश के बिना ही लौटना पड़ा. 


(इनपुट - एजेंसी)