नई दिल्ली: भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा इला ने शनिवार को कहा कि वैक्सीन की भारी मांग को पूरा करने के लिए भागीदारी, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और विभिन्न महत्वपूर्ण उपकरणों और सामग्रियों की आपूर्ति जरूरी है.


कच्चे माल और तकनीकी सहयोग की जरूरत


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यूरोपीय संघ-भारत कारोबार गोलमेज सम्मेलन में इला ने कहा कि पेटेंट छूट से अधिक महत्वपूर्ण साझेदारी और कच्चे माल की लगातार आपूर्ति है, जो उत्पादन को गति देने के लिए महत्वपूर्ण हैं. इससे न सिर्फ घरेलू मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि पूरी दुनिया की मांग को पूरा किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में टीकाकरण की जरूरतों को पूरा करने के लिए सहयोग जरूरी है.


अमेरिका में रजिस्टर्ड हो रही कोवैक्सीन


उन्होंने कहा, ‘हम इसे (कोवैक्सीन) अमेरिका में पंजीकृत कर रहे हैं और हमें यूरोप में ऐसा करके खुशी होगी... इसलिए, हमें यूरोपीय संघ की कंपनियों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करने और साझेदारी करने में खुशी होगी.' उन्होंने कहा, ‘भारत एक बड़ा देश है. हम अपनी आबादी को 2.6 अरब (1.3 अरब लोगों के लिए जुड़वां खुराक) टीके नहीं लगा सकते, जो इस वक्त की मांग है.'


दो अरब खुराक बनाना असंभव लक्ष्य


उन्होंने कहा कि दो अरब डॉलर की खुराक भी ऐसा लक्ष्य है, जो किसी देश के लिए संभव नहीं. इला ने कहा, 'मुझे पता है कि हम सभी इस बारे में जानते हैं और इसे समझते हैं. लेकिन, मुझे यकीन है कि हम अधिक प्रौद्योगिकी को लाकर या पेटेंट में थोड़ी राहत दे सकते हैं और हम भारतीय निर्माताओं के रूप में इन नई प्रौद्योगिकी का अपने संयंत्रों में उपयोग कर सकते हैं.'