चारा घोटाला: तेज प्रताप का ट्वीट, काश लालू प्रसाद `यादव` भी लालू प्रसाद `मिश्रा` होते
चारा घोटाले के एक मामले में शनिवार (23 दिसंबर) को रांची में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को दोषी करार दिया.
पटना: चारा घोटाले के एक मामले में शनिवार (23 दिसंबर) को रांची में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को दोषी करार दिया. इसके बाद पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और लालू प्रसाद के पुत्र तेजप्रताप यादव ने ट्विटर पर अपनी भड़ास निकाली. उन्होंने लालू प्रसाद को एक विचारधारा बताते हुए ट्वीट किया, "सारा सिस्टम, सारी सरकारी मशीनरी और कॉर्पोरेट लालू प्रसाद के पीछे हाथ धोकर पड़ा है. न्यायपालिका से लेकर कार्यपालिका तक, सड़क से लेकर संसद तक अगर ध्यान से देखा जाए तो लालू प्रसाद को खलनायक साबित करने के लिए विरोधियों में गलाकाट प्रतियोगिता चल रही है. याद रखें लालू नाम नहीं विचारधारा है." एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, "काश लालू प्रसाद 'यादव' भी लालू प्रसाद 'मिश्रा' होते."
चारा घोटाला : लालू, जगदीश शर्मा, राणा सहित 16 दोषी करार, जेल भेजे गये
चारा घोटाले के एक मामले में रांची की एक विशेष सीबीआई अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद, पूर्व सांसदों आर के राणा और जगदीश शर्मा एवं कई आईएएस अधिकारियों सहित 16 आरोपियों को शनिवार (23 दिसंबर) को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया. अदालत तीन जनवरी को दोषियों के खिलाफ सजा सुनाएगी. वहीं इस मामले में अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, बिहार विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत सहित छह लोगों को निर्दोष करार देते हुए मामले से बरी कर दिया. अदालत के फैसले के बाद दोषी ठहराये गए सभी 16 लोगों को बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया.
नौ सौ पचास करोड़ रुपये के चारा घोटाले से संबंधित देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये के फर्जीवाड़े के मामले से जुड़े इस मुकदमे में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने शाम पौने चार बजे फैसला सुनाया. उन्होंने सबसे पहले इस मामले में मिश्रा, निषाद, भगत, चौधरी, सरस्वती चंद्र एवं साधना सिंह को निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया.
अदालत ने इसके बाद मामले के 22 आरोपियों में से शेष सभी 16 आरोपियों को दोषी करार दिया और उन्हें हिरासत में लेकर बिरसामुंडा जेल भेजने का निर्देश दिया. सजा सुनाये जाते ही लालू, शर्मा, आईएएस अधिकारी बेक जूलियस सहित अनेक लोगों के चेहरे पर मायूसी छा गई. उनके अनेक रिश्तेदारों एवं मित्रों की आंखें भी डबडबा गयीं.
(इनपुट एजेंसी से भी)