नई दिल्ली: आरजेडी सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी के मामले में 5 साल की सजा सुनाई गई है. रांची की स्पेशल सीबीआई कोर्ट के जज एसके शशि ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए लालू यादव को सजा सुनाई. साथ ही उनपर 60 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है.


सजा पर भड़के तेजस्वी यादव


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अपने पिता लालू यादव को सजा सुनाए जाने के बाद बिहार के पूर्व मंत्री तेजस्वी यादव काफी गुस्से में नजर आए. उन्होंने कहा कि देश में चारा घोटाले के अलावा क्या कोई और स्कैम नहीं हुआ है. तेजस्वी ने कहा कि सिर्फ बिहार में ही 80 से ज्यादा घोटाले हो चुके हैं लेकिन सीबीआई, ईडी और एनआईए कहां है? देश में क्या एक ही घोटाला और एक ही नेता है. तेजस्वी ने आगे कहा कि सीबीआई विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी को भुला चुकी है.


तेजस्वी ने इससे पहले कहा कि कोर्ट के फैसले पर कोई भी टिप्पणी करना सही नहीं है और ये आखिरी फैसला भी नहीं है. उन्होंने कहा कि देश में अभी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट है. तेजस्वी ने कहा कि हम इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे और उम्मीद है कि निचली अदालत का फैसला वहां से बदला जाएगा.


'बीजेपी-RSS से लड़ते रहेंगे'


तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर लालू यादव बीजेपी से हाथ मिला लेते तो राजा हरिश्चंद्र कहे जाते. लेकिन वह बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा से लड़ रहे हैं. इसी वजह से उन्हें सजा का सामना करना पड़ रहा है लेकिन हम सभी इससे डरने वाले नहीं हैं.


तेजस्वी के अलावा RJD महासचिव और वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव की सजा के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख करेंगे और उनकी जमानत की याचिका भी जल्द हाई कोर्ट में दाखिल की जायेगी.


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सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश एसके शशि ने 15 फरवरी को लालू यादव समेत 38 आरोपियों को इस मामले में दोषी करार देते हुए सजा पर सुनवाई के लिए 21 फरवरी की तारीख तय की थी. चारा घोटाला के मामलों में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पहली बार 30 जुलाई, 1997 को जेल गए और 134 दिनों तक न्यायिक हिरासत में रहे थे.


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