Rajasthan News: आप अपनी जिंदगी में कई किलों में घूमने- फिरने गए हैं लेकिन राजस्थान में एक किले में भूलकर भी मत जाना. वहां शाम होते ही ऐसी अनजान शक्तियों का साया पसर जाता है कि लोग भी जाने से डरते हैं.
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Rajasthan Alwar Ajabgarh Fort News: जहां आबादियां उजड़ जाती हैं वहां वीराने बन जाते हैं और हर वीराना अपने अंदर ऐसे रहस्य छिपाकर रखता है.जो खुलते हैं तो तूफान आ जाता है . आज जी न्यूज़ एक ऐसे वीराने का रहस्य खुलने जा रहा है, जो सैकड़ों साल से एक अबूझ पहेली बना हुआ है. राजस्थान के अलवर जिले में मौजूद गांव अजबगढ़ में ऐसी शापित हवेलियां हैं जो एक दिन में वीराना बन गईं. लेकिन यहां पर ऐसा क्या हुआ. क्यों इन हवेलियां के खंडहरों में कदम रखने की मनाही है. क्या यहां पर कुछ ऐसी शक्तियां मौजूद हैं, जिन पर विज्ञान पर भरोसा नहीं करता
लोगों ने देखे हैं रहस्यमयी साये
तंत्र मंत्र जादू टोने की कौन सी कहानियां इस शापित गांव से जुड़ी हैं कि सैकड़ों साल पहले आबाद रहे इस गांव की तरफ देखने से भी लोग बचा करते हैं. इन खंडहर के दरवाजों में क्यों लिखा गया है कि यहां पर भूत रहते हैं. क्यों लोग दावा करते हैं कि यहां पर उन्होंने रहस्यमयी साये देखे हैं.
जब जी न्यूज़ की टीम रात के अंधेरे में इस खौफनाक जगह पर पहुंची तो घोस्ट राडार ने हमको क्या दिखाया. दिल्ली से करीब 300 किमी दूर राजस्थान के अलवर में है अजबगढ़. ये वीराना है राजस्थान के अलवर जिले में मौजूद भानगढ़ से 10 किलोमीटर अजबगढ़ के शापित गांव का. जहां भूलकर भी जाने की सलाह कोई नहीं देता. लेकिन जी न्यूज़ इस वीराने के रहस्य खोलने के लिए यहां पर पहुंचा. इस जगह पर पहुंचते ही हमको इस बात का एहसास हो गया कि अजबगढ़ में कुछ तो है जो यहां पर आते ही एक बेचैनी दिल और दिमाग में भर जाती है
आत्माओं को वश में कर लेते थे तांत्रिक
कहते हैं कि गांव के एक मकान में एक समय में लोग रहते थे और खुशहाली थी. लेकिन एक तांत्रिक के श्राप की वजह से यह पूरा गांव खाली हो गया. कहा जाता है जो लोग यहां पर रहते थे वो तंत्र मंत्र और जादू टोने के माहिर थे. ये तांत्रिक आत्माओं को अपने बस में कर सकते थे और अपने दुश्मनों पर उनका इस्तेमाल भी करते थे. इनकी आपसी दुश्मनी और एक श्राप ने इस इलाके को वीरान कर दिया.
खंडहर हो चुके तीन मंज़िला मकान की दीवारों पर अब झाड़ियां उग आई हैं. कुछ दरवाज़े टूट चुके हैं...कुछ बाकी हैं. लेकिन इन दरवाजों के पीछे क्या छिपा है. ये रहस्य सैकड़ों साल पुराना है. इस गांव में कई ऐसे मकान हैं, जो अब पूरी तरह खाली पड़े हुए हैं. स्थानीय शिक्षक हरि प्रसाद मीणा का कहना है कि जो लोग यहां पर रहते थे...वो अचानक कहां चले गए किसी को पता नहीं.
खंडहर में घुसने से हर किसी ने किया मना
एक दो नहीं इस इलाके के हर बाशिंदे ने हमको आगाह किया इस खंडहरों के अंदर भूलकर भी मत जाना. कुछ ने रात में यहां पर प्रेत लीलाओं की कहानियां सुनाईं..कुछ ने दिन में भी ये खतरा मोल ना लेने के लिए कहा. लेकिन हमको ये कहानी सुलझानी थी. इसलिए हमने रात में नहीं लेकिन दिन में ऐसे ही एक मकान में जाने की कोशिश की.
यहां पर अंदर घुसते ही हमको मालूम चल गया लोगों ने क्यों यहां पर आने के लिए मना किया था. ऐसा लग रहा था इन दरवाजों इस परकोटों से हमको कोई देख रहा है. बाहर से आने वाली सूरज की रोशनी भी इन शापित घरों के अंदर खौफ पैदा कर रही थी. जैसे आगाह कर रही हो सूरज ढलने से पहले यहां से निकल जाना.
रात में कोई भी अंदर जाने को नहीं हुआ तैयार
कुछ गांव वाले हमें मिले जिनकी बातों और हरकतों इस शापित इलाके का रहस्य और ज्यादा गहरा गया. यहां भी रात को जाना मना है. यहां पर मौजूद रहस्यमयी शक्तियों के बारे में बताते बताते ये शख्स अजीबोगरीब ढंग से हंसने लगा. हमने इसकी वजह जाननी चाही...वो इस शख्स ने बताया उसने जो कुछ देखा उसके बारे में सोचकर भी दिमाग हिल जाता है.
हमने एक व्यक्ति शंभू दयाल सैनी से पूछा क्या हम रात को इन खंडहरों में रुक सकते हैं, उसने सपाट शब्दों में मना कर दिया. कहने का मतलब था..रात में इन घरों के अंदर झांकना भी मना है. तमाम चेतावनियों के बावजूद हम उन खंडहर बन चुकी हवेलियों और घरों तक पहुंच गए. इन शापित घरों में हमारे साथ जाने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ..लेकिन एक शख्स हामी भर दी. इसके बाद रात के अंधेरे में धीरे धीरे हम शापित घरों की तरफ बढ़े.
अंधेरे कमरे में से अचानक निकलने लगा धुआं
इसके बाद हमारी टीम सीधे शापित घर के उस कोने तक पहुंच गई. जहां रात में जाने की हिम्मत कोई नहीं करता. इस पूरे शापित घर की पड़ताल करने के बाद जी न्यूज़ की टीम यहीं पर बैठ गई. हमें देखना था रात में यहां किसका फेरा लगता है. हम यहां पर कुछ ऐसे यंत्र लेकर गए थे जिनके जरिए रहस्यमयी शक्तियों की मौजूदगी का पता लगाने का दावा किया जाता है.
घोस्ट राडार बता रहा था कि यहां पर कुछ है. लेकिन वो किस पर अपना असर दिखाएगा. सब कुछ सामान्य था अचानक असर दिखना शुरू हुआ. कैमरे में सब कुछ रिकॉर्ड हो रहा था. अचानक हमारे सहयोगी अंकेश में अपने सिर पर हाथ रख लिया. लेकिन अचानक कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद श्याम लाल मीणा का धैर्य जवाब दे गया. जिस कमरे का हमने थोड़ी देर पहले मुआयना किया था..उसमें अचानक धुआं उठने लगा.
क्या अज्ञात शक्तियां दे रही थीं कोई संकेत?
स्थानीय निवासी श्याल लाल ने बताया यहां पर मौजूद शक्तियों ने आखिरी संकेत दे दिया है. ये क्या संकेत है किसी चीज़ का. हमने इससे पहले मिली सारी चेतावनियों को नज़रअंदाज किया था..लेकिन हमें सलाह मिली कि यहां पर किसी बड़ी आग को भड़कने का मौका नहीं देना चाहिए.