Tejashwi Yadav in IRCTC Scam: बिहार सरकार में नए नवेले उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अब मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं. खबर है कि सीबीआई ने अब मोर्चा संभाल लिया है और IRCTC घोटाले में जांच में तेजी आ सकती है. हाल ही में तेजस्वी ने केंद्रीय जांच एजेंसियों पर निशाना साधते हुए कहा भी था कि वे चाहें तो उनके घर में ही दफ्तर बना लें. लगता है एजेंसी ने उनकी जल्दी ही सुन ली.


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IRCTC घोटाले में आएगी तेजी


इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर की मानें तो केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) आईआरसीटीसी होटल घाटले के मामले में तेजी लाने जा रही है. इस मामले में पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के साथ-साथ 11 अन्य लोग आरोपी हैं. इस मामले में सीबीआई की ओर से 4 साल पहले चार्जशीट दाखिल की गई थी, लेकिन अभी तक बहस शुरू नहीं हुई है.


क्यों नहीं शुरू हुई इस मामले में बहस?


इस मामले में फरवरी 2019 में एक आरोपी ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि सीबीआई ने उसे आरोपी बनाने से पहले सरकार की मंजूरी नहीं ली थी क्योंकि जब वह कथित अपराध किया गया था तब वह एक सरकारी कर्मचारी था. इसी आधार पर सीबीआई कोर्ट की ओर से चार्जशीट का संज्ञान लिए जाने को भी चुनौती दी गई थी. उनकी अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें पेशी से छूट दे दी थी. इसके बाद सरकारी कर्मचारी रहे दो अन्य आरोपियों ने भी ऐसी ही अर्जी दाखिल की थी. इसके चलते ट्रायल में देरी हुई थी और अब तक इस मामले में आरोपों पर बहस शुरू नहीं हुई थी.


 


'तय किए जाएं आरोप'


हमारी सहयोगी वेबसाइट DNA हिंदी की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले हफ्ते सीबीआई ने हाई कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की है और अस्थाना की अर्जी पर फैसले की मांग की है. सीबीआई ने यह भी कहा है कि कोर्ट का जो फैसला आएगा उसी के हिसाब से अस्थाना के खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे. सीबीआई ने आरोपों पर बहस शुरू करने की इजाजत भी हाई कोर्ट से मांगी है.


2017 में दर्ज हुआ केस


गौरतलब है कि CBI ने जुलाई 2017 में लालू यादव, तेजस्वी यादव और अन्य लोगों के खिलाफ इस मामले में केस दर्ज किया था. करीब एक साल के बाद सीबीआई द्वारा 2018 चार्जशीट दायर की गई.


क्या है IRCTC घोटाला?


उल्लेखनीय है कि यह मामला 2004 का है. उस वक्त केंद्र में यूपीए की सरकार थी और लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे. लालू परिवार पर आरोप है कि उन लोगों ने टेंडर के नियम में बदलाव कर गलत तरीके से होटलों का आवंटन किया था. इसी मामले में तेजस्वी, राबड़ी और लालू यादव आरोपी हैं.


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