नई दिल्ली: राजद प्रमुख लालू प्रसाद के पुत्र और बिहार के पूर्व उपमुख्‍यमंत्री तेजस्वी यादव 2006 के आईआरसीटीसी होटल मामले में चल रही जांच के सिलसिले में शुक्रवार को सीबीआई के समक्ष पेश हुए. सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने बताया कि तेजस्वी से यहां सीबीआई मुख्यालय में पूछताछ की गई. इस मामले में कल लालू प्रसाद से भी सात घंटों तक पूछताछ की गई थी.


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सीबीआई ने भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के ठेके के मामले में लालू और तेजस्वी को 26 सितंबर को एक महीने में तीसरी बार समन भेजा था. तेजस्वी तीसरे समन के बाद सीबीआई के समक्ष पेश हुए. सीबीआई ने पांच जुलाई को लालू, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और तेजस्वी के खिलाफ 2006 में रांची और पुरी में आईआरसीटीसी के दो होटलों का ठेका निजी कंपनियों को देने में हुई कथित अनियमितताओं के कारण भ्रष्टाचार का मामला दायर किया था. उस समय लालू रेल मंत्री थे.


सीबीआई ने कहा कि विजय और विनय कोचर की स्वामित्व वाली एक कंपनी सुजाता होटल्स को ठेके दिए गए, जिन्होंने कथित तौर पर बिहार में एक प्रमुख भूखंड रिश्वत के रूप में लालू को दिया था. प्रारंभिक सीबीआई जांच में पाया गया कि कोचर ने यह भूखंड डीलाइट मार्केटिंग को बेची और इसका भुगतान अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्टर्स और इसके प्रमोटर बिक्रमजीत सिंह अहलूवालिया के माध्यम से किया गया.


प्रवर्तन निदेशालय ने 27 जुलाई को सीबीआई की प्राथमिकी के बाद धन शोधन निवारण रोकथाम अधिनियम के तहत एक अलग मामला दर्ज किया. वह शेल कंपनियों के माध्यम से धन के कथित हस्तांतरण के लिए लालू प्रसाद, तेजस्वी और अन्य की जांच 


लालू ने कहा- मुझे CBI से शिकायत नहीं


सीबीआई पूछताछ के बाद बाहर निकलने पर लालू ने कहा था, ‘‘सीबीआई अधिकारी सौहार्दपूर्ण थे लेकिन वे क्या कर सकते हैं? वे भारत सरकार के आदेशों का पालन कर रहे हैं जो कि मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई कर रही है. मुझे सीबीआई से कोई शिकायत नहीं है लेकिन केन्द्र सरकार मुझे और मेरे परिवार को निशाना बना रही है. ’’ 


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उन्होंने कहा था, ‘‘मैंने रेलवे में छिटपुट चोरियां रोकीं, उसे सस्ता बनाया, राजस्व में बढ़ोतरी कराई और मुझ पर ही भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं. यह कुछ नहीं बस मुझे और मेरे परिवार को निशाना बनाया जा रहा है.’’ लालू यादव ने आगे कहा, ‘‘मैंने सीबीआई से कहा कि मैं सहयोग करूंगा. मैंने वक्त नहीं मांगा वरना मुझ पर भागने का आरोप लगने लगता.’’ 


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ये है आरोप
आरोप है कि साल 2006 में रेल मंत्री रहते हुए लालू ने बीएनआर रांची और बीएनआर पुरी की देखरेख का जिम्मा एक निजी फर्म सुजाता होटल को सौंपा और बदले में एक बेनामी कंपनी के जरिए तीन एकड़ की महंगी जमीन के रूप में दलाली ली। सुजाता होटल का स्वामित्व विनय और विजय कोचर के पास है.


(इनपुट एजेंसी से भी)