नई दिल्ली: पूरा देश इस वक्त कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ रहा है और देश का नागरिक इस वक्त अपने घरों में बंद है. जहां एक तरफ कोरोना वायरस के मद्देनजर सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए मस्जिदों में नमाज अदा न करने की अपील की जा रही है, वहीं तेलंगाना में क्वारंटाइन किए गए मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा अस्पताल में नमाज पढ़ने की खबर काफी चर्चा में है. यह मामला हैदराबाद के गांधी अस्पताल का है, जहां अस्पताल में कोरोना के संदिग्ध क्वारंटाइन हुए कुछ मुस्लिम गुरुवार (2 अप्रैल) को वहीं नमाज पढ़ने लगे. इससे पहले सभी मुस्लिम सगठनों ने एक साथ ये अपील की थी कि नमाज के लिए मस्जिदों में ना जाएं और घरों में नमाज अदा करें. सरकार ने कोरोना को फैलने से रोकने के लिए किसी भी तरह के सामाजिक, राजनीतिक धार्मिक जमावड़े पर रोक लगा रखी है, इसके बाद भी लोग सरकार के नियमों को मानने से परहेज कर रहे हैं.  



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दिल्ली की जामा मस्जिद में नहीं आया कोई नमाजी
जुमे की नमाज के लिए शुक्रवार को देशभर के अलग-अलग हिस्सों से भी यही खबर आई कि कई जगहों पर जुमे की नमाज नहीं पढ़ी गई और जहां हुई भी वहां सिर्फ इमाम, मोअज्जिन और खादिमों ने नमाज पढ़ी. बाहर से आकर किसी ने नमाज अदा नहीं की. ऐसे ही दिल्ली की जामा मस्जिद में हुआ. मस्जिद से अजान हुई जुमे का खुतबा और नमाज भी पढ़ी गई लेकिन बाहर से और आस पास के इलाकों से नमाजी मस्जिद में नहीं आए. इसकी खास वजह रही कि कोरोना वायरस के चलते मना करना कि घरों में ही नमाज पढ़े. मस्जिद के दरवाजे बंद रहे और इमाम, मोअज्जिन के साथ सिर्फ खादिम ने ही नमाज अदा की. जामा मस्जिद के बाहर सुरक्षा भी बढ़ा दी गई थी कि ताकि अगर कोई बाहर से नमाज पढ़ने आए, तो उसको वापस भेजा जा सके.